“रोयें न क्यूं कर ग़ुलाम, हो गया चेहल्लुम तमाम” की सदाओं के साथ चेहल्लुम के पांच द्विवसीय कार्यक्रम का हुआ समापन, “नारा-ए-हुसैनी या हुसैन” प्रेरणा देता है देश भक्ति और मानव कल्याण की: मौलाना इरशाद अब्बास
अरशद आब्दी, ब्यूरो चीफ झांसी (यूपी), NIT: “चेहल्लुम-ए-शोहादा-ए-करबला” के ग़मगीन अवसर पर ‘अंजुमन-ए-अलविया’ के तत्वाधान में ‘इमाम बारगाह –नूर मंज़िल’ दरीगरान में अंतिम मजलिसे अज़ा हुई जिसमें सैकड़ों शोकाकुल श्रृध्दालुओं…