रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, झाबुआ (मप्र), NIT:
झाबुआ ज़िले के मेघनगर के रहने वाले राजेंद्र श्रीवास्तव (नीरज) मानव सेवा माधव सेवा को चरितार्थ करते हुए अपना जीवन धन्य बनाने में वर्षों से जुटे हुए हैं, ऐसा ही एक सेवा कार्य देखने को मिला। मेघनगर में एक नौजवान जो मन्दबुद्धिता का शिकार है जिसका परिवार अति गरीब है सो उसे ऐसे ही अपने हाल में जीने को छोड़ दिया हुआ है। यह बालक वर्षों से नगर में भटक भटक कर जीवन यापन करता है।
उचित देखभाल व परवरिश न होने के चलते इसकी शारीरिक स्थिति भी निर्बल हो चुकी, यह असहाय महीनों तक स्नान भी नहीं कर पाता, यहां तक कि मल मूत्र भी कपड़ में त्याग देता।
कई मर्तबा इसको दुत्कार मिलती तो कोई दया करके कुछ खाने को दे देता।
कुछ दयावानों ने श्रीवास्तव से इसके कायाकल्प का प्रस्ताव दिया तो बगैर विलम्ब किये असहायों के सहायक भटके बिछड़ो को परिजनों से मिलवाने वाले मेघनगर के सेवक नीरज श्रीवास्तव ने तुरन्त अपने साथ दो तीन मित्रों के सहयोग से उस बालक का पूरा कायाकल्प किया। नीरज के सेवा कार्यों की प्रसंसा समूचे नगर के प्रबुद्ध जनों सहित सोशल मीडिया पर खुब हो रही है।
नीरज बताते हैं कि ऐसे कार्य वो उनके आत्म कल्याण व आत्मसंतुष्ट हेतु करते हैं।
एसी ही सच्ची मानव सेवा करने वालों को प्रेस जगत के सच्चे कलमकार भी उन्हें हृदय से सलाम नमस्ते प्रणाम आदाब करते हैं।
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