मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
आगामी विधान सभा चुनाव 2023 के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पार्टी से टिकट मांग रहे उम्मीदवारों की उनके क्षेत्र में ज़मीनी पकड़ की हकीक़त जानने के लिए गुजरात प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्री अर्जुन मोढवाडिया को मध्य प्रदेश चुनाव पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है ताकि वे सही उम्मीदवारों का चयन कर प्रदेश में कांग्रेस की मज़बूत सरकार बन सकें। इसी उद्देश्य से शुक्रवार को ज़िला कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुरहानपुर पहुंचे श्री अर्जुन मोढवाडिया के समक्ष बुरहानपुर विधानसभा क्रमांक 180 से कई उम्मीदवारों ने पार्टी से टिकट की मांग करते हुए अपना मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव अजय सिंह रघुवंशी, शैली कीर सहित अनेक दावेदारों ने अपना दावा पेश किया। इस अवसर पर अल्पसंख्यक नेता डॉ. फरीद काज़ी ने अल्पसंख्यक कांग्रेस पदाधिकारियों, पार्षद दल और सैकड़ों की तादाद में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को लेकर राजस्थानी भवन में कांग्रेस पार्टी ज़िंदाबाद, राहुल गांधी ज़िंदाबाद, इमरान प्रतापगढ़ी ज़िंदाबाद, कमल नाथ ज़िंदाबाब के नारों के साथ धमाकेदार एंट्री दी और हमेशा की तरह अपने दबंग अंदाज़ में सीधे मंच पर पहुंचकर बुरहानपुर पधारे पर्यवेक्षक का शॉल और तिरंगा गमछा पहनाकर स्वागत किया साथ ही साथ पर्यवेक्षक को बताया की मध्य प्रदेश के छह करोड़ मतदाताओं में साठ लाख मुस्लिम मतदाता हैं जो शुरू से ही कांग्रेस पार्टी का वोट बैंक माना जाते रहे हैं और बुरहानपुर विधान सभा सीट मध्य प्रदेश की दूसरी अल्पसंख्यक बाहुल्य सीट है जहां लगभग तीन लाख बीस हज़ार मतदाताओं में 1.40 लाख (एक लाख चालीस हज़ार) मुस्लिम मतदाता हैं। इस लिए इस सीट पर अल्पसंख्यकों का हक़ है। इसी परिप्रेक्ष्य में डॉक्टर फ़रीद क़ाज़ी ने कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवारी का दावा पेश किया। डॉ. काज़ी ने हाल ही में हुए कर्नाटका विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली जीत में वहां के अल्पसंख्यक मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका की मिसाल देते हुए बताया कि वहां पार्टी ने 14 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे थे जिसमे से 9 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज कराई है। इस लिए पार्टी को मध्य प्रदेश के एक करोड़ मुसलमानों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए कम से कम 10 टिकट अल्पसंख्यकों को दिए जाने चाहिए। डॉ. फ़रीद क़ाज़ी ने ये भी बताया के पंचायत चुनाव में मैंने ज़िला पंचायत सदस्य के पद हेतु चुनाव लड़ा जिसमें मुझे हर वर्ग के मतदाताओं का समर्थन और आशिर्वाद मिला और मैंने अपने पक्ष में 14000 हज़ार वोट अर्जित किए और मात्र 850 वोटों से चुनाव में हार के लिए उन्होंने भाजपा के बड़े नेताओं और कुछ अपने ही लोगों की आपसी साँठ गाँठ को अहम वजह बताया। डॉ फ़रीद क़ाज़ी के साथ अल्पसंख्यक प्रदेश महामंत्री डॉ. हुमैर काज़ी, अल्पसंख्यक ज़िला अध्यक्ष (शहर) डॉ. इमरान खान, ग्रामीण ज़िला अध्यक्ष एवं पार्षद अबरार साहब, पूरब ब्लॉक अध्यक्ष एवं पार्षद शाहिद हुसैन बंदा, पश्चिम ब्लॉक अध्यक्ष, ज़िया उल हक़ अंसारी, पार्षद एहफाज़ मीर, पार्षद मीना विनोद मोरे, पूर्व पार्षद शेख शरीफ, पूर्व पार्षद प्रिंस इकबाल मीर, हमीद उल हसन बाबा भाई, डॉ. एस.एम. सादिक, ज़िला कांग्रेस महामंत्री आरिफ़ शेख, सद्भावना प्रकोष्ठ ज़िला अध्यक्ष शेख असगर, ज़िला उपाध्यक्ष शब्बीर बेग, ज़िला उपाध्यक्ष अहसान उल हक अंसारी,ज़िला उपाध्यक्ष मुजीब उद्दीन जागीरदार, ज़िला प्रवक्ता डॉ. रिज़वान खान, ज़िला महामंत्री डॉ. ज़ुबैर खान जिम्मी, ज़िला महामंत्री शेख मुमताज़ ठेकेदार, ज़िला सचिव छोटा भाई फूल वाले, ज़िला महामंत्री शफीक अंजुम अंसारी, ज़िला सचिव अली अहमद, इकबाल भाई मैकेनिक, ज़िला प्रवक्ता उज़ैर नक्काश अंसारी, बाबा मीर, मोहम्मद खान, ज़िला सचिव शेख अफ़ज़ल, सैय्यद महफूज़, इरफान पहलवान, फैज़ान मलिक, यासीन अंसारी के साथ साथ सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।
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