पंढरपुर में नेताओं का जमावड़ा, खड़से-महाजन ने किए श्री विठ्ठल भगवान के दर्शन, राज्य में चरमराई परिवहन व्यवस्था | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

पंढरपुर में नेताओं का जमावड़ा, खड़से-महाजन ने किए श्री विठ्ठल भगवान के दर्शन, राज्य में चरमराई परिवहन व्यवस्था | New India Times

महाराष्ट्र के तमाम मराठी भाषिकों का श्रद्धा स्थान श्री विठ्ठल भगवान मंदिर पंढरपुर में आषाढ़ी एकादशी के मौके पर लाखों भाविकों ने प्रभु के दर्शन किए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करकमलों से भगवान की शासकीय पूजा अर्चना की गई। मौके पर राज्य सरकार के आधे अधूरे असंवैधानिक मंत्री मंडल के सभी सदस्य मौजूद रहे। देहु-आलंदी में वारकरी संप्रदाय पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज के बाद मंत्री गिरीश महाजन को सरकार द्वारा समन्वयक के तौर पर नियुक्त किया गया है। नासिक में 800 करोड़ रुपए की लागत से कुंभ मेले का प्रबंधन हो या फ़िर 2019 में अलमट्टी डैम के बैक वाटर को लेकर सरकारी लापरवाही और कुप्रबंधन से कोल्हापुर में बाढ़ से मची तबाही के बीच किया गया वाटर पिकनिक हो मंत्री पद पर रहते हुए गिरीश महाजन अपने व्यक्तिगत साहस का परिचय देने नहीं चूकते।

पंढरपुर में नेताओं का जमावड़ा, खड़से-महाजन ने किए श्री विठ्ठल भगवान के दर्शन, राज्य में चरमराई परिवहन व्यवस्था | New India Times

पंढरपुर में सरकार की ओर से शासन आपल्या दारी (सरकार आपकी चौखट पर) अभियान के तहत तरह तरह के शिविर आयोजित किए गए हैं जिनके माध्यम से धार्मिक समारोहों में आने वाले लाखों लोगों के सामने भाजपा शिवसेना का प्रचार प्रसार जोरों से किया जा रहा है। पंढरपुर में विपक्ष की ओर से पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने प्रभु के दर्शन किए, अन्य कई विपक्षी नेताओं ने हाजरी लगाई। उत्तर महाराष्ट्र में प्रति पंढरपुर से परिचित शेंदुर्नी के श्री त्रिविक्रम भगवान के मंदिर में भी आषाढ़ी को धूमधाम से मनाया गया। श्री शांताराम भगत, अमृत खलसे विजया खलसे, डॉ राजेंद्र पवार, रेश्मा पवार, स्नेहदीप गरुड़, पवन अग्रवाल, व्यंकटेश काबरा, प्रशांत विसपुते, शिरीष देवकर, विजय पाठक, जयवंत पिसे मान्यवरों ने प्रभु की आरती की। जामनेर में सभी स्कूलों ने प्रभात फेरी का आयोजन किया।

परिवहन व्यवस्था फ़ेल: राज्यभर के ST डिपो से पंढरपुर यात्रा के लिए ज्यादा बसेस छोड़ने के कारण शहरों और ग्रामीण इलाकों में यात्री यातायात व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। बसों के टिकट किराए में रियायत के चलते यात्रियों की संख्या में प्रचंड बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन बसों की कमी जस की तस बनी हुई है।


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