नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
मानसून पूर्व पहली बारिश के साथ आए चक्रवाती तूफान ने जलगांव जिले के चोपड़ा, जलगांव ग्रामीण, चालीसगांव, जामनेर, जलगांव शहर ब्लाक में हाहाकार मचा दिया है। तूफ़ान का सबसे ज्यादा असर केला बागान पर पड़ा है। पेड़ गिरने से दो इंसानी जाने हताहत हुई हैं। जामनेर के फत्तेपुर प्रखंड के कुछ गांवों में तूफान से पेड़ उखड़ गए और उनके नीचे आकर मवेशियों की मौत हो गई। इस तूफानी बारिश ने जामनेर शहर में कराए गए कलेटिवेटेड विकास का भ्रष्टाचार से सना हुआ असली चेहरा सामने लाकर रख दिया है। खबर में प्रकाशित फोटो जामनेर बस स्टैंड का है, 14 करोड़ रुपए से बना बस अड्डा 30 मिनट की हलकी सी बारिश के कारण स्विमिंग टैंक में तब्दील हो गया।
आर्थिक लूट की राजनीतिक व्यवस्था के तहत निर्मित BOT मार्केट के बेसमेंट में पानी भर गया। शहर में कई जगहों पर केबल वायर्स टूट गई। सैकड़ों सोशल मीडिया यूजर्स ने 30 अप्रैल के तूफ़ान और उससे हुए नुकसान को भुलाकर इस आंधी बारिश को मोबाइल स्क्रीन्स पर जगह दी। इससे बेहतर होता कि विकास के मसीहा से विकास के नाम पर किए भकास को लेकर कुछ सवाल ही पूछ लिए जाते। तूफानी बारिश के कारण कुछ इलाकों से बिजली के ट्रांसफार्मर जल गए, खंभे उखड़ गए जिसके चलते शहरों की बत्ती गुल रही। जामनेर के मुंदखेड़ा गांव के प्रमुख सुनील ने NIT को बताया कि 30 अप्रैल को आए भयानक तूफ़ान से खेत खलिहानों में ज़मीदोज़ हुए बिजली के खंभे MSEB की ओर से आज तक खड़े नहीं कराए गए हैं। वैसे भी ग्रामीण इलाकों में किसानों को खेती के लिए बड़ी मुश्किल से 10 घंटे तक बिजली मिल पाती है। खेती के लिए 24 घंटा बिजली, सिंचाई के लिए भरपूर पानी विधायक महाजन के भाषण में शामिल यह तमाम दावे बीते 30 बरस में खोखले साबित हुए हैं।
कांग्रेसी हुए आक्रामक:- चक्रवाती तूफान से खेती के हुए नुकसान की भरपाई की मांग और कपास के गिरते दामों के निषेध को लेकर जामनेर ब्लाक कांग्रेस कमेटी काफी आक्रामक रुख अपनाती दिखी। शंकर राजपूत के नेतृत्व में कांग्रेस ने शिंदे-फडणवीस सरकार का दशक्रिया विधी किया। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं समेत किसानों ने सामूहिक रूप से मुंडन करवाया।
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