नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
खबर में प्रकाशित फोटोज को ध्यान से देखिए यह है बुरहानपुर पहुर राजमार्ग नं 753 L जिसको सीमेंट कांक्रीट से बनाया गया है। फोटो में जामनेर के पास कांग नदी पर बना जो ब्रिज है उसके ठीक नीचे ब्रिज के दोनों छोर यानी ज़ीरो के पिलर को संरक्षण देने के लिए नई दीवार बनाने के बजाय पत्थर की पुरानी दीवार को इस्तेमाल में लाया गया है। पुरानी तोड़कर नई बनाने में 25 से 30 लाख रुपए तक का खर्चा आना था जो ठेकेदार ने PWD के आशीर्वाद से बचा लिए।
अब दूसरा फोटो इसमें टाकली गांव के आगे जहाँ टोल प्लाजा प्रस्तावित है वहां सड़क का एक तरफ का लेन चार फिट तक काट दिया है। लेन कटिंग का कारण है शिवलिंग है। जी हां यहां शिव जी की कांक्रीट से बनी एक पिंड है जिसे विधिवत तरीके से मंदिर स्थापित कर किया जाना चाहिए था, जिसके बाद सड़क को काटने की कोई जरूरत नहीं पड़ती। इसी के ठीक सामने हनुमान जी का पुराना मंदिर है उसको संरक्षण दीवार से लैस किया गया है।
करीब 80 किमी लंबी इस सड़क का 90 फीसद काम पूरा हो चुका है। राजमार्ग पर स्थान और दिशा दर्शक बोर्ड सिकुड़कर छोटे कर दिए गए हैं ठेकेदार ने यहां भी पैसे बचाए हैं। भवानी घाटी में कुल तीन किमी का काम रुका पड़ा है कारण है रिज़र्व फॉरेस्ट जिसकी फ़ाइल शायद नए भारत और उसके राजा के करकमलों में सुशोभित सेंगोल की आध्यात्मिक शक्ति से क्लियर हो जाए। इस अनूठे राजमार्ग के मुआयने के लिए अगर National Highway Authority of India (NHAI) के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम पधारी तो यकीनन यह प्रोजेक्ट उनके तकनीकी ज्ञान में अलौकिक वृद्धिदाता होगा।
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