आलम के शव को 14 महीने लग गए इंडिया आने में, वतन की मिट्टी में हुए सुपुर्द ए खाक आलम, सऊदी अरब में कर रहे थे नौकरी | New India Times

मुबारक अली, ब्यूरो चीफ, शाहजहांपुर (यूपी), NIT:

आलम के शव को 14 महीने लग गए इंडिया आने में, वतन की मिट्टी में हुए सुपुर्द ए खाक आलम, सऊदी अरब में कर रहे थे नौकरी | New India Times

लोग कहते हैं कि जहां की मिट्टी लिखी हो वहीं सुपुर्द खाक होता है। एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के जनपद शाहजहांपुर में सामने आया है। मोहल्ला मेहमान शाह के रहने वाले आफताब उर्फ परवेज 36 वर्ष जो कि सऊदी अरब में नौकरी कर रहे थे चार भाइयों में सबसे छोटे आलम की शादी लगभग 5 वर्ष पूर्व हुई थी उनका एक एकलौता पुत्र की 6 महीने में ही मृत्यु हो गई थी परिजनों के माने तो 5 महीने बाद आलम की मौत की सूचना एलआईयू सब इंस्पेक्टर विनीत के द्वारा प्राप्त हुई उसके बाद से परिजन उस की डेड बॉडी को लाने के लिए प्रयास करने लगे। आलम के बड़े भाई आफताब ने बताया कि असलम की मौत की जब सूचना मिली तो उसके शव को इंडिया लाने के लिए अथक प्रयास किए जाने लगे। आफताब ने जिला प्रशासन, कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, विदेश मंत्री एस जयशंकर एवं मुख्यमंत्री योगी को धन्यवाद दिया कि उनके भाई की डेड बॉडी सब के प्रयास से घर आ गई, हम सब ने अपने भाई के आखरी दीदार कर लिए, नम आंखों से मेहमान शाह के कब्रिस्तान में आलम को सुपुर्द ए खाक किया गया।


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By nit

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