राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
स्वास्थ्य विभाग की टीम की कार्रवाई की सूचना पर क्लीनिक चला रहे झोलाछाप डॉक्टर में हड़कंप मंच गया। स्वास्थ विभाग की टीम के आने से पहले ही गौरझामर कस्बे में अवैध रूप से संचालित क्लीनिक झोलाछाप डॉक्टर अपनी अपनी क्लीनिक, मेडिकल स्टोर व पैथोलॉजी बंद कर फरार हो गए। बीएमओ की टीम ने कस्बा के सभी अस्पताल में चेकिंग अभियान चलाया एवं जो क्लीनिक खुली मिली उन डॉक्टरों को चेतावनी दी गई की आपके पास जो डिग्री है उसके अनुसार ही मरीजों का इलाज करें एवं उसी प्रकार की दवाइयां लिखें, होम्योपैथिक वालो को एलोपैथिक दवाइयां लिखने का अधिकार नहीं है किसी भी मरीज को ड्रिप एवं इंजेक्शन नही लगा सकते यदि ऐसा पाया गया तो आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी एवं जो अस्पताल खुली मिली उन डॉक्टरों को निर्देश भी दिए गए हैं कि एफिडेविट 3 दिन के अंदर बीएमओ कार्यालय में जमा करें जो अस्पताल बंद करके भाग गए हैं उनके लिए नोटिस दिया जाएगा, क्लीनिक बंद की फोटो ली गई है इस पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि आखिर स्वास्थ विभाग की टीम को देख झोलाछाप डॉक्टर क्यों अपनी अपनी अस्पताल बंद कर भागे कहीं ना कहीं प्रशासन की लापरवाही देखने को मिल रही है कई सालों से कस्बों मे झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय हैं और अपनी-अपनी क्लीनिक चला रहे है शनिवार को स्वास्थ विभाग की टीम को देख अपनी-अपनी अस्पताल बंद कर भागे इन अस्पतालों पर समय-समय पर जांच होती रहेगी तो ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवा भी अच्छी मिलने लगेगी।
जो अस्पताल खुली मिली उन डॉक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि एफिडेविट 3 दिन के अंदर बीएमओ कार्यालय में जमा करें, जो अस्पताल बंद करके भाग गए हैं उनको नोटिस दिया जाएंगे, अगर उनके पास कोई दस्तावेज नहीं मिलते तो उन पर कार्रवाई की जाएगी: आशीष जैन बीएमओ देवरी।
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