उल्हासनगर मनपा स्थाई समिति के साढ़े चार करोड़ रुपये के बिना निविदा टेंडर पर आयुक्त ने लगाई रोक | New India Times

शारिफ अंसारी, मुंबई, NIT; ​उल्हासनगर मनपा स्थाई समिति के साढ़े चार करोड़ रुपये के बिना निविदा टेंडर पर आयुक्त ने लगाई रोक | New India Timesउल्हासनगर मनपा के स्थाई समिति द्वारा बिना निविदा निकाले रास्तों के गढ्ढे भरने का काम लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए में झा. पी.कम्पनी और जय भारत को देने के प्रकरण में मनसे, महापौर और आमदार बालाजी किनिकर ने मंत्रालय तक पत्र व्यवहार किया, जिसमें राज्य शासन के दखलंदाजी के बाद मनपा आयुक्त राजेन्द्र निंबालकर ने अहम फैसला लेते हुए इस ठेके को रद्द करने का निर्णय लिया है और इस काम के लिये ई टेंडर करके काम देने की बात कही है।

बता दें कि मनसे के शहर अध्यक्ष प्रदीप गोडसे और सचिन कदम, महापौर मीना आयलानी द्वारा पत्र व्यहार करने और विधायक बालाजी किणीकर द्वारा इसकी शिकायत शासन तक पहुंचाने के बाद इस प्रकरण में नगर विकास राज्य मंत्री डॉ रणजित पाटिल ने किणीकर के शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उल्हासनगर मनपा आयुक्त को उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

उल्हासनगर मनपा भ्रष्टाचार का अड्डा???

 उल्हासनगर में बरसात में रास्तों के गढ्ढे भरने के नाम पर हर साल धार्मिकता का रंग देकर करोड़ों रुपए उड़ाए जाते हैं।  इस बार भी बरसात में रास्तों के गढ्ढे भरने के लिए प्रभाग समिति 1 में 73 लाख, प्रभाग समिति 2 में सवा करोड़, प्रभाग समिति 3 में एक करोड़ दस लाख और प्रभाग समिति 4 में डेढ़ करोड़ रुपयों के काम का निविदा पूर्व मान्यता के लिए शहर अभियन्ता राम जैसवार ने स्थाई समिति के पास भेजा था, इस विषय पर गुरुवार को स्थाई समिति की बैठक में हुई चर्चा में 7 दिन की अल्पकालिक निविदा जारी न करते हुए सीधे झा. पी. कंपनी और जय भारत कंस्ट्रक्शन को दे दिया गया। आरोप है कि इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। विधायक किणीकर ने नगर विकास राज्य मंत्री डॉ. रणजित पाटिल के पास शिकायत की थी जिस पर संज्ञान लेते  हुए राज्य मंत्री ने उल्हासनगर मनपा के आयुक्त राजेंद्र निंबालकर को उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है। जिसके उपरांत आयुक्त ने टेंडर पर रोक लगाते हुए अल्प अवधि में ई ट्रेंडिंग निकालने का आदेश दिया। इस वजह से सत्ता पक्ष के मंसूबे पर पानी फिर गया और  साथ ही शहर वासियों के सामने सत्तापक्ष बेनकाब भी हो गया।

इस विषय में विधायक किणीकर ने मीडिया को बताया कि मनपा आयुक्त द्वारा इसे पुर्नविचार के लिए स्थाई समिति के पास भेजकर अल्प कालीन निविदा निकलवाना उचित रहेगा।


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