साबिर खान, मुंबई, NIT;
महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से मराठा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लाखों लोगों ने बुधवार को नौकरियों और शिक्षा सहित अन्य विभागों में आरक्षण की मांग लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए मार्च निकाला। इस मोर्चे का कुछ मुस्लिम संगठनों ने भी सपोर्ट किया जिसमें अमन कमेटी का मुख्य रूप से सामने आया है। कमेटी के जिम्मेदारों ने मोर्चे में शामिल हजारों प्रदर्शन कार्यो में पानी और बिस्कुट वितरित की। मुस्लिम संगठनों की तरफ से MHW के अध्यक्ष डॉ अजीमुद्दीन, मुंबई अमन कमेटी के अध्यक्ष फरीद शेख, मोहम्मद सिराज, नईम शेख और संगठन के सैकड़ों कार्यकताओं ने मोर्चे में शिरकत की और साथ ही मोर्चे में शामिल मराठाओं की खिदमत की।
मराठा मोर्चे की शुरुआत मुंबई के भायखला जीजा माता उद्यान (रानी बाग) से हुई। इस मोर्चे में लगभग दस लाख लोगों ने शिरकत की। इस विशाल रैली मोर्चे को देखकर फडणवीस सरकार हिल गई और उसे कई ऐलान करने पड़े।मुंबई की सड़कों पर उतरे मराठाओं की मांगों पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ बड़े ऐलान किए हैं। सीएम ने कहा कि शिक्षा के मामले में मराठा समुदाय के बच्चों को वे सारी सुविधाएं और छूट दी जाएंगी जो अभी ओबीसी छात्रों को मिल रही हैं। सरकार ने जमीन और मराठा सुमदाय के बच्चों के लिए हर जिले में छात्रावास बनाने के लिए ग्रांट के रूप में 5 करोड़ रुपए देने का भी ऐलान किया है। नौकरी में आरक्षण की मांग पर विचार करने के लिए यह मामला सरकार ने बैकवर्ड क्लास कमीशन (पिछड़ा वर्ग आयोग) के पास भेजने की बात कही है, जो मराठाओं को आरक्षण देने के आधार और संभावनाओं का अध्ययन करेगा। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वह कमीशन से आग्रह करेंगे कि वह तेजी से प्रक्रिया को पूरा करे और बॉम्बे हाई कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपे।
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