संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र), NIT:
अवर सचिव मध्य प्रदेश शासन गृह विभाग श्री अन्नू भलावी को उनके विरुद्ध अपीलार्थी कामता प्रसाद मिश्रा सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक द्वारा मुख्य सूचना आयुक्त भोपाल मध्य प्रदेश को की गई शिकायत में सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) व 20(2) का दोषी पाया जाने पर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने का आदेश प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक भोपाल तथा अतिरिक्त प्रमुख सचिव गृह को दिए गए हैं। अपीलार्थी कामता प्रसाद मिश्रा सेवानिवृत्त निरीक्षक पुलिस गायत्री नगर कटनी मध्य प्रदेश द्वारा मुख्य सूचना आयुक्त सूचना भवन भोपाल को दिनांक 14.12. 2022 को इस बात की शिकायत की गई थी कि उनके द्वारा प्रस्तुत आरटीआई एक्ट की द्वितीय अपील क्रमांक 2101, 2103, 2104 / 2022 में पारित आदेश दिनांक 5.8.2022 के अनुसार लोक सूचना अधिकारी गृह विभाग वल्लभ भवन भोपाल , श्री अन्नू भलावी अवर सचिव द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है, इस शिकायत को क्रमांक 754 /2022 पर दर्ज किया जा कर उन्हें मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। नोटिस का जवाब श्री अन्नू भलावी द्वारा दिनांक 11.4.2023 को प्रस्तुत किया गया था ।
मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा शिकायत जांच पर पाया गया की लोक सूचना अधिकारी श्री अन्नू भलावी द्वारा राज सूचना आयोग द्वारा पारित आदेश दिनांक 5.8. 2022 का पालन नहीं किया गया है तथा पत्र क्रमांक 1196 / 12225 64/ 2023 /b-4/2 दिनांक 11.4.2023 द्वारा असत्य, भ्रामक तथा अपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की गई है जिसके कारण श्री अन्नू भलावी के विरुद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने का आदेश पारित किया गया है यहां विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व ही दिनांक 29.03.2023 को माननीय उच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक डब्ल्यूपी न. 16873/2021 में न्यायाधीश श्री विवेक अग्रवाल जी द्वारा श्री अन्नू भलावी के गैर जिम्मेदाराना व लापरवाही पूर्ण कार्यप्रणाली के प्रति काफी नाराजगी जाहिर की थी । तथा संबंधित फाइल को डायस पर ही सील बंद करा दिया गया था यहां यह भी विशेष है कि कामता प्रसाद मिश्रा सेवानिवृत्त निरीक्षक पुलिस के विरुद्ध की गई लोकायुक्त संगठन जबलपुर की दोषपूर्ण कार्रवाई के कारण आरटीआई एक्ट के अंतर्गत मांगी गई जानकारी नहीं प्रदान किए जाने पर लोक सूचना अधिकारी लोकायुक्त संगठन जबलपुर उप पुलिस अधीक्षक श्री दिलीप झरबड़े के प्रति राज्य सूचना आयोग द्वारा नाराजगी जाहिर की थी तथा जानकारी प्रदाय करने का आदेश जारी किया गया था साथ ही लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री हरि सिंह ठाकुर कार्यालय कटनी को भी ₹25000 का अर्थदंड अधिरोपित किया था अभी भी उपरोक्त विभागों द्वारा इस तरह से आरटीआई एक्ट के मनसा अनुरूप चाही गई जानकारियां समय पर लोक सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध नहीं कराई जाती है जिसके कारण आवेदक गणों को लोक सूचना अधिकारी से लेकर माननीय उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय तक परेशान होना पड़ता है उनको मानसिक आर्थिक तथा शारीरिक क्षति भी होती है जबकि शासन द्वारा आरटीआई एक्ट शासन के कार्य के प्रति पारदर्शिता निष्पक्षता के उद्देश से रखा गया था तथा अनुचित व पक्षपातपूर्ण कार्रवाई से लोगों को संरक्षण मिल सके इस उद्देश्य को लेकर आरटीआई एक्ट का प्रावधान पारित किया गया था आशा है की शासन की मंशा अनुरूप लोक सूचना अधिकारियों द्वारा समय पर सूचनाएं निष्पक्ष रूप से प्रदान की जाती रहेगी।
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