ओवैस सिद्दीकी, अकोला (महाराष्ट्र), NIT; विगत दिनों अंतरजिला बदली द्वारा अकोला में हुए आए 66 शिक्षकों की विगत एक महिने से किसी शाला पर नियुक्ती नहीं की गइ थी जिसकी वजह से शिक्षक काफी परेशान थे। शिक्षा विभाग की ओर से उन्हें रोजाना आज कल की तारीख दी जा रही थी। शिक्षकों की नियुक्ती न होने की वजह से विधार्थियों का शैक्षणिक नुकसान हो रहा था। इस मामले को लेकर NIT ने प्रमुखता से न्यूज प्रकाशित की थी, जिसके बाद सोमवार को सभी शिक्षकों की नियुक्ती हो गई है।
विगत दिनों अकोला जिला परिषद के 66 शिक्षकों का प्रशासन द्वारा अकोला से बाहर जि प में ताबादला किया गया था तथा 66 शिक्षकों को अकोला जिला परिषद में सम्मलित किया गया था जिसमें 58 मराठी तथा 8 उर्दू शिक्षकों का समावेश था लेकीन दूसरे जिलों से आए हुए इन शिक्षकों को शिक्षा विभाग द्वारा कारीब एक महिने तक शालाओं पर नियुक्ती नहीं दी गइ थी जिससे विधार्थियों की पाढाई प्रभावित हो रही थी। इससे पता चलता है की अकोला जिला परिषद का काम कैसे मन माने तारीके से चल रहा है। शिक्षा विभाग तथा शासकीय शालाओं की ऐसी ही लापरवाही की वजाह से पालक निजी शालाओं का रुख कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें ज्यादा शैक्षणिक खर्च का बोझ उठाना रहा है। इसी बीच शिक्षकों ने नियुक्ती को लेकर भ्रष्ट्रचार किए जाने के आरोप भी लगाए थे। इस संदर्भ में शिक्षा अधिकारी ने NIT संवाददाता को बताया था कि शासकीय कार्य शुरू हैं, जिसके चलते नियुक्तियों में देरी है और शिक्षकों द्वारा लगए गए भ्रष्टचर के आरोप गलत हैं। लेकीन इन शासकीय कार्य की वजह से कारीब एक महिना तक विधार्थियों का शैक्षणिक नुकसान हुआ।
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