अब्दूल वहीद काकर, धुले (महाराष्ट्र), NIT; ट्रैफिक पुलिस से बेखौफ अवैध सवारी वाहन यातायात नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाते देखे जा सकते हैं। क्षमता से अधिक सवारियां बिठाने व तेज गति से वाहन दौड़ाने वाले इन चालकों को न तो हादसों का अंदेशा है और न ही यातायात नियमों तथा पुलिस का डर।बताया जाता है कि कुछ भ्रष्ट अधिकारियों का इन्हें आशीर्वाद प्राप्त है। साहब के नाम पर अवैध वसूली तक की जा रही हैं, जिस की वजह से शहर के मुख्य बाजारों में भी जगह-जगह इन वाहनों का जमावड़ा देखा जा सकता है।
पूर्व ट्रैफिक निरीक्षक का चालान काटो अभियान तथा किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करने की भूमिका से अवैध सवारी वाहन यातायात पर लगाम कसी हुई थी। उनके सेवा समाप्ति से शहर में यातायात के नियमों को दरकिनार कर सैंकड़ों अवैध वाहन बेखौफ दौड़ते देखे जा रहे हैं। ज़िले में अवैध रूप से सवारियां ढोने वाले वाहनों की संख्या सैंकड़ों में है तथा मुख्य बाजारों, मंडियों व चौराहों से रोजाना सवारियां बिठाते देखे जा सकते हैं।
ठूंस-ठूंस कर भरते है वाहनों में सवारियां नियमों को ताक पर रखकर
यह अवैध वाहन चालक अपने वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियां बिठाते हैं तथा वाहनों को सरपट दौड़ाते हैं जिससे हर समय दुर्घटनाएं होने का डर बना रहता है। इतना ही नहीं भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में तेज गति से वाहनों को दौड़ाने से हादसों को निमंत्रण देते हैं। ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई से बेपरवाह अवैध वाहन चालकों ने बस स्टैंड, पुलिस मुख्यालय, बारह पत्थर, श्रीराम पेट्रोल पंप, सावरकर प्रतिमा, फांशी पुल परोला रोड, शिव तीर्थ इत्यादि स्थानों को अपने अड्डे बना लिए हैं। यहां से यह चालक सरेआम सवारियां भरते हैं लेकिन ट्रैफिक पुलिस इन पर नकेल नहीं लगा पा रही है।
- परिवहन तथा यातयात विभाग की अनदेखी
परिवहन तथा यातायात विभाग के उड़न दस्ते की अनदेखी के कारण पिछले साल धुलिया तहसील क्षेत्र में मुकटीं गांव के समीप सड़क दुर्घटना में काली पीली टैक्सी गाड़ी में सवार 18 यात्रियों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी।
पिछले कुछ महीनों पूर्व में मुकटीं गांव में एक ट्रक ने टाटा को टक्कर मारी थी जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। उसी प्रकार से धुलिया शहर में एक तेज रफ्तार रेती के डंपर ने बारातियों से भरी सुमे को उड़ा दिया था जिस में चार निरापराध व्यक्तियों को जान से हाथ होना पड़ा था। शहर में चर्चा है कि आखिर कब तक परिवहन विभाग तथा यातयात विभाग यात्रियों की जान से खेलता रहेंगा । दबी जुबान में चर्चा है कि अवैध रूप से क्षमता से अधिक मात्रा में यात्री ढुलाई करने के एवज में कुछ कर्मी सारे आम वाहन चालकों से चाय पानी की मांग करते हैं। यातयात तथा परिवहन विभाग आखिर कब नींद से जागेगा या फिर किसी बड़ी दूर घटना के इंतेजार कर रहा है
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