गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकर नगर (यूपी), NIT:

अंबेडकरनगर नगर जिला के अकबरपुर नगर निकाय चुनाव में वोटरों के ग़ुस्सा को देखते हुए बीजेपी के नेता जी बचकर प्रचार कर रहे हैं। निकाय चुनाव (UP Election 2023) के लिए सभी राजनीतिक दलों ने प्रचार के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है। दो चरणों में मतदान कराया जाएगा। प्रदेश में पहले चरण का मतदान 4 मई को होना है। ऐसे में इन दिनों प्रत्याशी गली-गली में पहुंच रहे हैं और जनता को रिझाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन अकबरपुर शहर क्षेत्र में कई जगह बीजेपी के नेताओं को उल्टे पांव दौड़ने को मजबूर होना पड़ रहा है। वोटरों ने कहा कि अगर गांव में दिखे नेताजी तो सर फोड़ देंगे, 5 साल के बाद अब नींद जागी है। किसी भी कीमत पर चुनाव नहीं जीत सकते, जनता एक राय होकर ऐसे भाजपा प्रत्याशी हटाओ अभियान चला रही है। क्योंकि वोटरों का कहना है कि बहुत बड़ी भूल हुई जिसका पश्चाताप 5 वर्षों तक करना पड़ा।अकबरपुर शहर को बर्बाद कर दिया गया, सभी वार्डों में जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर है। पूरे 5 साल में नेताजी विकास के नाम पर केवल जुमलेबाजी किए हैं, 2017 नगर निकाय चुनाव भाजपा से सरिता गुप्ता जीतने के बाद गांव में शक्ल दिखाने तक का काम नहीं की। बुनियादी जरूरत के लिए जनता 5 साल ठोकर खाती रही और आज चुनाव के समय वोट मांगी जा रही है।

उत्तर प्रदेश नगर निकाय में दूसरे चरण का मतदान 11 मई को है जिसमें जनता ने इनको सबक सिखाने के लिए पूरी तरह कमर कस चुकी है। अकबरपुर नगरपालिका 25 वार्डों में यही दुर्दशा है जनता मुफ्त में बेहतरीन गालियां भी दे रही हैं नेताजी किसी भी तरह बच बचाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। जनता की अदालत में वोटरों ने कई गंभीर सवाल दागे हैं आय से ज्यादा संपत्ति नातेदार रिश्तेदारों के नाम पर कई प्रॉपर्टी डेढ़ सौ अरब सरकारी धन का जमकर बंदरबांट किया गया।

वोटरों का साफ तौर पर कहना है कि हमने नेता इसलिए नहीं चुना था कि हम बुनियादी मुद्दे के लिए तरस जाएं नेताजी को ग्रामीणों के आक्रोश का ऐसा सामना करना पड़ा कि उन्हें अपनी गाड़ी में बैठकर उल्टे पांव भागना पड़ रहा है। कवरेज के दौरान गुस्साई भीड़ बार-बार यह कहते हुए सुनाई दे रही है कि नेता मनोज गुप्ता पत्नी सरिता गुप्ता इस बार अध्यक्ष बनकर दिखा दो। वहीं ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान दिलीप श्रीवास्तव से मुलाकात हुई जो अपने आपको कट्टर आरएसएस का बता रहे हैं, उन्होंने कहा कि ऐसे प्रत्याशी को दिया गया टिकट जिसे वोट देने की मेरा परिवार सोच भी नहीं सकता।
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