Edited by Sabir Khan;
संदीप शुक्ला, दिल्ली, NIT; मुस्लिम लड़कियों को उच्च शिक्षा के मकसद से प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार उन अल्पसंख्यक लड़कियों को 51,000 रूपये की राशि बतौर ‘शादी शगुन’ देगी जो स्नातक की पढ़ाई पूरी करेंगी। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था ‘मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन’ (एमएईएफ) ने मुस्लिम लड़कियों की मदद के लिए यह कदम उठाने का फैसला किया है। एमएईएफ का कहना है कि इस योजना का मकसद सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम लड़कियों और उनके अभिभावकों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करना है कि लड़कियां विश्वविद्यालय या कॉलेज स्तर की पढ़ाई पूरी कर सकें। इस कदम को अभी आरंभिक तौर पर ‘शादी शगुन’ नाम दिया गया है।मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ केंद्र की मोदी सरकार गरीब अल्पसंख्यकों के लड़कियों की शादी के लिए 51,000 रूपये की राशि देगी। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने ये एलान किया है कि इस साल से गरीब अल्पसंख्यक लड़कियों के लिए एक नई योजना शुरु की जा रही है, जिसके तहत उन्हें शादी के लिए 51,000 रुपए दिए जाएंगे। साथ ही अल्पसंख्यकों की बेहतर शिक्षा के लिए देश भर में 200 नए स्कूल, 25 कॉलेज और 5 अंतराष्ट्रीय स्तर के संस्थान बनाये जायेंगे। गुरुवार को दिल्ली में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन के गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में इन योजनाओं को स्वीकृति दी गयी।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुखतार अब्बास नकवी ने बताया कि फिलहाल अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब परिवार की 9वीं में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए बेगम हजरत महल स्कॉलरशिप दी जाती है जिससे वो अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। मंत्रालय ने फैसला किया है कि इसी स्कॉलरशिप का दायरा बढ़ाया जाएगा। इस स्कॉलरशिप के तहत अब छात्राओं को 51 हजार रुपया अलग से दिया जाएगा। छात्राओं को ये पैसा बैंक में फिक्स डिपॉजिट करना होगा। इस पैसे का इस्तेमाल वो स्नातक पास करने के बाद शादी के वक्त कर पाएंगी। इसे शादी का शगुन भी समझा जा सकता है।
ञअल्पसंख्यक मंत्रालय ने मुस्लिम समुदाय के शैक्षिक पिछड़ापन पर बनी रिपोर्ट को भी स्वीकार कर लिया है। ये रिपोर्ट Committee on the Establishment of Educational Institution for Educationally Backward Minority ने बनाई है। इस कमेटी का गठन सरकार ने इसी साल फरवरी में किया था।
कमेटी ने सिफारिश की है कि देश भर के 90 अल्पसंख्यक बहुल जिलों में 200 स्कूल बनाए जाएं। साथ ही हर राज्य में एक कॉलेज भी बनाया जाएगा। अल्पसंख्यकों को सीधा फायदा पहुंचाने के लिये कम से कम पांच अंतराष्ट्रीय स्तर के शैक्षिक संस्थान भी बनाए जायेंगे। इन संस्थानों में लड़कियों के लिए 40 फीसदी आरक्षण होगा। नकवी ने बताया कि कानूनी बाध्यता होने की वजह से सरकार इन संस्थानों में अल्पसंख्यकों के लिए कोई आरक्षण का प्रावधान नहीं रखेगी लेकिन इन संस्थानों को ऐसी जगह खोला जाएगा जहां अल्पसंख्यकों की आबादी ज्यादा है।
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