रहीम शेरानी हिंदुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
कलेक्टर रजनी सिंह को राज्य सरकार ने महज 6 महीने में ही झाबुआ जिले से रवाना कर दिया।
रजनी सिंह ने लगभग 1 महीने पहले कलेक्टर कक्ष का रिनोवेशन शुरू करवाया था। वही अपने लिए बड़ा कमरा बनवा रही थीं, ताकि बैठक भी यहीं हो सके और सारे अफसर एक साथ बैठ सकें। फिलहाल वह कलेक्ट्रेट के एक दूसरे कमरे में बैठ रहीं थी। अब खुद के लिए रिनोवेट करवाए जा रहे कमरे में नहीं बैठ पाएंगी।
इसमें अब नई कलेक्टर तन्वी हुड्डा बैठेंगी जिले में प्रशासनिक फेरबदल जितनी तेजी से हो रहा है उससे यह साफ है कि सरकारी काम इस तरह नहीं हो रहे जैसा सरकार चाहती है योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ जनप्रतिनिधियों और पार्टी नेताओं में तालमेल बिठाकर काम करने में लगातार अफसर फेल हो रहे हैं।
सात महीने के भीतर जिले में तन्वी हुड्डा तीसरी कलेक्टर होंगी नवागत कलेक्टर ने पदभार ग्रहण किया उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती योजनाओं पर अमल करने, ज्यादा से ज्यादा हितग्राहियों को लाभ पहुंचाना, इसकी रिपोर्टिंग बेहतर तरीके से ऊपर तक करना और जनप्रतिनिधियों और व नेताओं के साथ समन्वय बनाकर काम करना रहेंगी।
ये भी स्वाभाविक है कि जिन पार्टी नेताओं ने पूर्व कलेक्टर का विरोध किया था और उन पर एक्शन हुआ है तो वह खुद को ज्यादा ताकतवर बताकर प्रस्तुत करेंगे।
मात्र 195 दिन का कार्यकाल रहा रजनी सिंह का
रजनी सिंह ने झाबुआ कलेक्टर के रूप में 21 सितम्बर 2022 को पदभार ग्रहण किया था।
वे महज 195 दिन ही कुर्सी पर रह सकी। इसकी एक बड़ी वजह उनकी भाजपा संगठन के साथ पटरी नहीं बैठ पाना बताई जा रही है। भाजपा जिलाध्यक्ष भानू भूरिया ने तो खुले तौर पर सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकालते हुए लिख दिया था कि जिला प्रशासन पूरी ताकत और जोश के साथ सरकार को डूबाने में लगा है चूंकि ये चुनावी साल है और भाजपा एक बार फिर झाबुआ में अपनी जमीन तलाशने में लगी है, ऐसे में प्रशासनिक सर्जरी के रूप में कलेक्टर रजनी सिंह को हटा दिया गया उनके इस संक्षिप्त कार्यकाल की एक भी ऐसी उपलब्धि नहीं है, जिसे झाबुआ जिले के विकास के लिए अहम बताया जा सके ।
दफ्तर में बदलाव की जगह खुद बदल गईं कलेक्टर
पूर्व कलेक्टर राजकुमार पाठक ने कक्ष में बदलाव करवाया था इसमें उन्होंने बैठने की दिशा बदलवाई जिस दिन वह फेरबदल के बाद मैं कक्ष में बैठे उसी दिन शिकायत लेकर आई एक महिला दरवाजे पर बेहोश होकर गिरी और अटैक आने से अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।
० कांग्रेस सरकार के समय कलेक्टर प्रबल सिपाहा ने भी बैठने वाले कमरे में कुछ परिवर्तन करवाया और कुछ समय बाद उनका तबादला हो गया।
० अब कलेक्टर रजनी सिंह ने कक्ष बड़ा करवाया, लेकिन वह काम पूरा होने के पहले ही जिले से रवाना हो गई।
जिले में कब, कब रहीं महिला कलेक्टर
1. जय श्री कियावत:
झाबुआ की पहली महिला कलेक्टर के रूप में जय श्री कियावत का कार्यकाल बेहद सफल रहा था। वे 14 सितम्बर 2011 से 3 अप्रैल 2014 तक झाबुआ में पदस्थ रही।
2. डॉ. अरुणा गुप्ता: दूसरी महिला कलेक्टर रही अरुणा गुप्ता के समय पेटलावद ब्लास्ट हुआ था। वे 5 मई 2015 से 28 अगस्त 2016 तक पदस्थ रही।
3. रजनी सिंह:
रजनी सिंह का कार्यकाल सबसे कम दिन का रहा। उन्होंने 21 सितम्बर 2022 को पदभार ग्रहण किया और 3 अप्रैल 2023 की शाम को उनके स्थानांतरण आदेश आ गए।
चौथी बार होगी महिला अधिकारी के हाथ में जिले की कमान
2014 बैच की आईएएस तन्वी हुड्डा चौथी महिला अधिकारी होंगी जिनके हाथों में जिले की कमान रहेगी। इससे पूर्व जयश्री कियावत और डॉ अरुणा गुप्ता भी कलेक्टर के रूप में यहां सेवाएं दे चुकी हैं।
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