पहूर के पास हुई स्कूल बस हादसे में दर्जनों छात्र-शिक्षक घायल, आरटीओ की अनदेखी के कारण सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन का नहीं किया जा रहा है पालन | New India Times

विशेष प्रतिनिधि, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

पहूर के पास हुई स्कूल बस हादसे में दर्जनों छात्र-शिक्षक घायल, आरटीओ की अनदेखी के कारण सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन का नहीं किया जा रहा है पालन | New India Times

परिवहन नियमों का उल्लंघन कर मासूम विद्यार्थियों से खचाखच भरी स्कूल बस शुक्रवार सुबह जामनेर तहसील की पहूर और शेंदुरनी के बीच हुई दुर्घटना में पलट गई। घटना
स्थल पर बड़ी संख्या में अभिभावकों की भीड़ उमड़ी जमा हो गई और घायलों को तत्काल उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनाक्रम को पंजीबद्ध किया है। दुर्घटना इतनी भीषण थी कि सीट के परखच्चे उड़ गए। जान हथेली पर लेकर विद्यार्थी बस के बाहर निकले।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल की बस नंबर दो सुबह साढ़े सात बजे के करीब घोड़ेश्वर बाबा के पास तेज गति के कारण पलट गई। स्कूल बस में करीब 40 छात्र और कुछ शिक्षक सवार थे। दुर्घटना इतनी भीषण थी कि पेड़ से टकराने के बाद बस पलट गई और पेड़ की टहनियां भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। इस दुर्घटना में 30 से अधिक छात्र और कुछ शिक्षक घायल हो गए। बताया गया है कि इस हादसे में घायलों में से किसी की भी हालत गंभीर नहीं है लेकिन छात्र चोटिल हुए हैं।

पहूर के पास हुई स्कूल बस हादसे में दर्जनों छात्र-शिक्षक घायल, आरटीओ की अनदेखी के कारण सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन का नहीं किया जा रहा है पालन | New India Times

हादसे की जानकारी मिलते ही इलाके के नागरिक मौके पर पहुंच गए और हादसे में घायल सभी लोगों को निजी वाहनों से अस्पताल में भर्ती कराया गया।

दुर्घटना वास्तव में कैसे घटित हुई?

बस में आरटीओ के नियमानुसार स्पीड गवर्नर लगा होने के बावजूद स्कूल बस कैसे पलटी हुई। चालक ने बस से कैसे नियंत्रण खोया इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। हादसे की खबर से छात्रों के अभिभावकों में दहशत और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।

समाचार लिखे जाने तक पुलिस मौके पर पहुंच कर हादसे की जानकारी लेने में जुटी थी। इस बीच, हादसे में घायल हुए छात्रों और शिक्षकों का पहूर के ग्रामीण अस्पताल में इलाज चल रहा है।

जिले में सैकड़ों की संख्या में प्राइवेट स्कूल संचालित हैं। विद्यार्थियों को लाने व ले जाने के लिए उनके पास स्वयं की बस, टैक्सी एवं अन्य परिवहन के संसाधन हैं। पर स्कूल वाहनों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है। अधिकांश वाहनों में सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा है।जिसके प्रति उप प्रदेशिक परिवहन कार्यालय की उदासीन है। संबंधित बस का निरीक्षण करने वाला इंस्पेक्टर और फ्लाइंग स्कॉट की ने समय समय पर स्कूल बस की जांच की है कि नही पड़ताल किए जाने की अभिभावकों ने मांग की है। संबंधित दोषी इंस्पेक्टर पर कड़ी कार्रवाई करने मांग की हैं।

इस दुर्घटना में सायली वारूळे, घनश्याम क्षिरसागर, निशा विजु कुमावत, प्रविण विकास उबाळे, गौरव बावस्कर, प्रथमेश मोरे, धिरज बारी, शिवाजी सुनिल उबाळे, स्वप्नील समाधान क्षिरसागर, ओम संतोष कुमावत,पवन श्रीकृष्ण घोंगडे, नितीन पाटील, निलेश पाटील, सौरव राजेंद्र लहासे, प्रणव दिलीप बेलदार, अदित्य विकास देशमुख, रोहित संतोष जाधव, अदित्य राजेंद्र पाटील, कोमल बापु जाधव, डिगंबर पंडित बारी (ड्राइवर), मयुरी हरिचंद्र जाधव, तुषार प्रविण कुमावत, पुनम संजय जाधव, विवेक अनिल बनकर, ओम जगदीश गोंधनखेडे आदि घयाल हुए हैं।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading