आसिफ़ शाह, भिंड ( मप्र ), NIT;
भिंड में स्वर्गीय रामस्नेही सेवा समिति के सचिव संजीव बरुआ द्वारा पर्यावरण संचेतना अभियान का सन्देश देते हुए शासकीय माध्यमिक उत्कृष्ट विद्यालय के 800 छात्र छात्राओं को पौध रोपण करने का संकल्प दिलाया।
बरुआ ने कहा कि इन पौधों को आप केवल पौधे न समझें बल्कि इनकों आप बृक्ष बनाएं और अपनी ड्यूटी समझकर इन पौधों को समय-समय पर खाद पानी की कमी महसूस न होने दें, इनको अच्छी तरीके से सींचकर बृक्ष बनाएं, जिससे यह बृक्ष लोगों को ठंडी हवा और छाया प्रदान करें। दरअसल समाज सेवक संजीव बरुआ ने पर्यावरण प्रदूषण के क्षेत्र में 25 जुलाई से 25 अगस्त तक हर विद्यालय और कॉलेज एवं शहर के नजदीक गांव में जा जाकर एक बहुत सार्थक पहल की है जो अभी तक किसी ने नहीं की। कहने को तो भिंड में कई समाज सेवी समाज सेवा का ढिढोंरा पीटते हैं, लेकिन वाकई जिस क्षेत्र में काम करके लोगों को जागरूक करना था वह सिर्फ संजीव बरुआ जी ने करके दिखाया है। बरुआ दिखावे और पोस्टरों की समाज सेवा नहीं करते हैं। संजीव बरुआ तो गरीबों के हमदर्द और मजदूरों के मसीहा बने हुए हैं। बरुआ से गरीबों मजदूरों के लिए जो मदद होती है उसके के लिए वह सदैव तैयार रहते हैं। संजीव बरुआ का मुख्य उद्देश्यहयह है कि शहर में पर्यावरण प्रदूषण इतनी तेजी से बढ़ रहा है। चाहे वह वायु प्रदूषण हो जो कि गाड़ियों व चिमनियों में से निकलने वाला धुँआ हो जो वायु में जाकर पर्यावरण प्रदूषण का कारण बनता है। ऐसे कई प्रदूषण हैं जिससे लोगों को कई प्रकार की बीमारियां हो रही हैं, जैसे ह्रदय रोग, सांस रोग, ब्लड्प्रेसर जैसी कई गभीर बीमारियों से मानव जीवन पर संकट मंडराने लगा है।
5000 हजार लोगों को पौध रोपण करने का दिलाया संकल्प
25 जुलाई से लेकर आज 4 अगस्त को शासकीय उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यायल नम्बर 1के छात्र छात्राओं सहित प्रिंसिपल नरेंद्र सिंह भदौरिया को संकल्प दिलाते हुए अभी तक बरुआ ने करीब 5000 हजार लोगों को सकंल्प दिलाकर इस अभियान का हिस्सा बनाया है, साथ ही बरुआ उनसे यह भी कहा है कि चार पौधे आप लगाओ तो चार अपने मित्र को भी लगाने के लिए बोलना और उससे भी यही बोलना की चार पौध तुम लगाओ और अपने मित्रों को लगाने के लिए बोलकर लगवाओ। अगर इस तरह लोगों ने पौधे लगाए तो निश्चित ही भिंड शहर को बीमारियों से बहुत बड़ी निजात मिलेगी।
आखिर क्यों आते हैं भिंड में देर से मानसून?
कुछ लोग तो यहां पेड़ पौधे बढ़ चढ़कर लगाते तो वही दूसरी ओर उन पेड़ों को चन्द पैसों की खातिर उन्हें बेच देते हैं। ज्ञान के आभाव के बिना पेड तो बैच देते हैं लेकिन जब उनकी अंतिम सांसे निकलती है तब उनको याद आता है कि आज पेड न काटे होते तो ऑक्सीजन अधिक मात्रा में मिल सकता था। साफ स्वच्छ वायु जिससे हमारी जान भी बच सकती है और शायद यह नौबत आती ही नहीं कि हम निरोगी होते। अगर शहर में हरियाली नहीं होगी और पेड़ पौधे नहीं होंगे तो देर से मानसून आते हैं। बताया जाता है कि केरल क्षेत्र में अगर एक छोटा सा भी मकान ले व्यक्ति तो उसमे 10 फिट जगह बगीचे के लिए छोड़ देता है। हरियाली के कारण वहां जल्दी आते हैं मानसून और अपने यहां हरियाली आभाव के बिना सूखा सा पड़ा रहता है। जिससे किसानों के चेहरों पर उदासी छाई रहती है। सोचो हम भी ला सकते है जल्दी मानसून अगर बरुआ के इस अभियान में लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेकर रूचि दिखाएं तो अपनेहयहां भी जल्दी मानसून आ सकते है। कुछ वर्ष पूर्व शहर में तापमान 28 ,32 डिग्री सेल्सियस के समथिंग रहता था और आज पेड़ पौधे न होने के कारण तापमान 42 ,45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा है।
पेड़ पौधे न होने के कारण शहर में गिर रहा जल स्तर
शहर में लोग आज अपने वीआईपी मकान तो बना रहे हैं लेकिन उसमें साइड से या सामने बगीचा बनाकर पेड़ पौधे तो नहीं लगाते। उस जगह पर लोग बगीचा को न बनाते हुए। आगे की सोचकर उस माकन के साइड या सामने रुपयों की खातिर पर्यावरण के साथ खिलवाड़ कर दुकान खोल देते हैं। शहर में ज्यादा तर यह स्थिति निर्मित रहती है। जिसके कारण आज जल स्तर में काफी हद तक गिरावट देखी गई है। आगे चलकर हम लोग जागरूक नहीं हुए और पेड़ पौधे घर के बाहर नहीं लगाए तो पानी की इतनी बड़ी समस्या सामने आकर खड़ी हो जाएगी की पीने के लिए पानी नसीब नहीं होगा। जल स्तर में बढ़ाव लाने के लिए शहर के सभी नागरिकों को इस क्षेत्र में उतरकर बरुआ के इस अभियान का हिस्सा बनकर कदम से कदम मिलाकर आगे बढना चाहिए और अपने शहर के पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए पौधारोपण अभियान सफल बनाना चाहिए।
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