अब्दुल वाहिद काकर, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

जिला अस्पताल के सामने स्थित बाबासाहेब आंबेडकर और भगवान गौतम बौद्ध की प्रतिमा पुलिस प्रशासन की सुरक्षा में निकालने पर जलगाँव शहर में गुरुवार की सुबह बवाल खड़ा हो गया है। हजारों की संख्या में भीम प्रेमी सड़कों पर उतर आए प्रशासन और मूर्ति निकालने वालों के खिलाफ नारेबाजी कर माहौल को तपा दिया।
पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त करते हुए मार्ग को सील कर दिया। तत्काल प्रभाव से दोबारा उचित स्थान पर बाबा साहेब आंबेडकर और तथागत भगवान गौतम बौद्ध की मूर्ति की दोबारा स्थापना की गई।
गौरतलब हो कि जिला अस्पताल के सामने 40 वर्षों से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर तथा भगवान गौतम बौद्ध की प्रतिमा स्थापित की गई है। गुरुवार तड़के अचानक प्रशासन ने बुलडोजर की मदद से दोनों प्रतिमा को निकाल दिया। घटना की जानकारी लगते ही भीम अनुयायियों ने बड़ी संख्या में प्रतिमा प्रांगण को घेर लिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। किसी भी क्षण कुछ हो सकता इसको देखते हुए तत्काल प्रभाव से विधायक राजू मामा भोले ने हस्तक्षेप कर इस तोड़ू कार्रवाई पर रोक लगाई, उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि किस व्यक्ति के इशारे पर भगवान गौतम बौद्ध और भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा निकाली जा रही थी, संबंधित व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
नगर की हमारी शांति को कदापि खंडित नहीं किया जाए और अगर कोई कोशिश करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश भी विधायक ने दिए हैं।
विधानसभा में खड़से ने किया उपस्थित मुद्दा विधान परिषद में सदन के विपक्षी नेता विधायक एकनाथ खड़से ने इस मामले को उपस्थित करते हुए आरोप लगाए हैं कि कुछ असामाजिक तत्व जलगांव शहर की फिजा खराब करना चाहते हैं जिसके चलते पुलिस प्रशासन को हाथ में लेकर सुबह-सुबह प्रतिमा हटाने का प्रस्ताव किया है खडसे ने सभापति से मांग की है इस संबंधित व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। इस मामले में जिला पेठ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराई है।
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