नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
हम 20 लोगो को गुलबर्गा से निकलना था पर चार हि एक साथ आ सके जैसे हम महाराष्ट्र के बीड मे आए वैसे हमारे राज्य के कई लोकल नेता हमसे मिलने आने लगे। उनके द्वारा हमारी यात्रा को समर्थन देने वाली खबरें अखबारों में आने लगी। शिव भोजन का लाभ लेने के लिए केंद्र पहुंचे रामतीर्थ जमादार बताते हैं कि हमारी मुलाकात मोदी जी से होने वाली है जिसमें हम उनसे यह मांग करने वाले है कि कोली कब्बलीक अंबिक बेसता समुदाय को अनुसूचित जनजाति मे शामिल किया जाए। कल्याण कर्नाटक कोली कब्बलीगा बैकवर्ड डेवलपमेंट संघ के रामतीर्थ के संग राजशेखर , अनिल और शिवकुमार गले मे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फोटो लटकाकर गुलबर्गा से दिल्ली की ओर निकले है। गले मे प्रधानमंत्री की फोटो को लटकाने की वजह पूछने पर उनकी ओर से कोई तार्किक जवाब नहीं मिला। चारों बारी बारी से दो साइकिल चलाते हैं और इस दौरान थकने पर साथ लाई बलेरो वैन में बैठकर चलते हैं! साइकिल हैंडल पर भगवान बुद्ध, संत बसवण्णा, संविधान निर्माता डॉ बाबासाहब भिमराव अंबेडकर, महात्मा गांधी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के तस्वीरों की तख्तियां है सीट के पीछे भगवा और तिरंगा झंडा लगाया है। रामतीर्थ ने बताया कि हमारी जाती को कर्नाटक में ST में शामिल कराने की मांग बरसो पुरानी है आज तक किसी भी सरकार ने ध्यान नही दिया इस लिए हमने यह यात्रा निकाली है। यह चारों नौजवान आने वाले कुछ महीनों में मध्यप्रदेश राजस्थान होते हुए दिल्ली पहुचेंगे ! विदित हो कि महाराष्ट्र मे भी कोली तथा अन्य बैकवर्ड जातियो के सामाजिक आरक्षण को लेकर राज्य सरकार के भीतर घोर अनास्था की स्थिती बरकरार है ! बिहार मे नीतीश सरकार ने जातिगत जनगणना का फैसला लेने के बाद हिंदी बेल्ट के कई राज्यो मे जातिनिहाय जनगणना की मांग तेज हो गई है ! राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक न्याय के लिए जातिनिहाय जनगणना कराना केंद्र सरकार का संवैधानिक दायित्व है जिससे मोदी सरकार भागती नजर आ रही है।
सफाई अभियान के लिए चला झाड़ू
डॉ नानासाहेब धर्माधिकारी प्रतिष्ठान रेवदंडा की ओर से आयोजित सफाई अभियान के लिए जामनेर मे झाड़ू लाया गया। नगराध्यक्ष साधना महाजन, डॉ राजेश सोनावणे, डॉ प्रशांत पाटील, किशोर पाटील समेत सैकड़ो सेवादारो ने सफाई मुहिम मे हिस्सा लिया ! 6 टन सर्द और 50 टन सूखा कचरा जमा कर डंपिंग ग्राउंड पर भेजा गया। ज्ञात हो कि नगर परिषद के डंपिंग ग्राउंड के बगल मे डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया कचरा रीसायकल प्रोजेक्ट बंद पड़ा है उसकी मशीनें जंग खा रही हैं।
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