गुलशन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:
प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड रिसर्च ग्वालियर में रत्नानिधि चैरिटेबल ट्रस्ट मुम्बई एवं मध्य प्रदेश शासन कार्यालय आयुक्त ग्वालियर चंबल संभाग के सहयोग से दो दिवसीय निःशुल्क कृत्रिम पैर चिन्हांकन चिकित्सा शिविर का आयोजन 25 फरवरी एवं 26 फरवरी 2023 को किया गया। शिविर का शुभारंभ कार्यक्रम 25 फरवरी को किया गया। इस शिविर में ग्वालियर जिले के कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह, संभागीय आयुक्त दीपक सिंह, सामाजिक एवं न्याय विभाग की संयुक्त संचालक उषा शर्मा तथा संस्थान के निदेशक डॉ0 निशांत जोशी मौजूद रहे। इस मौके पर जिलाधीश अक्षक कुमार ने कहा कि ग्वालियर चंबल संभाग में ऐसे लोग जिनको किसी दुर्घटना में पैर खोना पड़ा है उन्हें वजन में हल्के और उच्च गुणवत्ता वाले कृत्रिम पैर लगाने के लिये ये निःशुल्क कृत्रिम पैर चिन्हांकन शिविर लगाया गया है।
प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड रिसर्च ग्वालियर, जिसमें अपने 25 वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण किये है। ये दो दिवसीय निःशुल्क कृत्रिम पैर चिन्हांकन चिकित्सा शिविर उसी उपलक्ष्य में मध्य प्रदेश शासन एवं रत्नानिधि चैरिटीबल ट्रस्ट मुम्बई तथा रोट्रेक्ट क्लब जो कि संस्थान में ही अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वाहन करता है, के सहयोग से संस्था के प्रांगण में इस चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया है। इस चिकित्सा शिविर का मुख्य उद्देश्य यह है कि जिन लोगों ने दुर्घटना में अपने पैर खो दिये है उनको इस शिविर के माध्यम से चिन्हांकित करके शासन के द्वारा पूर्ण रूप से निःशुल्क कृत्रिम पैर उपलब्ध कराये जायेंगे। इस पूरे शिविर में 25 लाख रुपये से भी अधिक का खर्चा मध्य प्रदेश शासन एवं प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड रिसर्च, ग्वालियर और अन्य संस्थाओं के द्वारा दिव्यांगों के कृत्रिम पैर लगाने के लिये खर्च किया जायेगा जो कि दुर्घटना में अपने पैरों को खो चुके हैं। इस तरह का शिविर अपने आप में एक अनूठी पहल है जो कि प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड रिसर्च ग्वालियर के प्रांगण में किया जा रहा है।
संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह ने कहा कि विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से इस शिविर में अधिक से अधिक जरूरतमंदों को लाभ दिया जाएगा उन्होनें कहा कि इस पुनीत कार्य में जिन संस्थाओं ने सहयोग किया है वे सभी बधाई के पात्र है। सामाजिक एवं न्याय विभाग ग्वालियर की संयुक्त संचालक उषा शर्मा ने बताया कि शिविर विशेषज्ञों डाक्टरों की देख रेख में किया जा रहा है, जिसमें कृत्रिम पैर का चिन्हांकन किया जायेगा जो बिल्कुल निःशुल्क रहेगा तथा प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर के निदेशक डॉ. निशांत जोशी ने बताया कि इस शिविर के दोनों दिन करीब 250 मरीजों के कृत्रिम पैरों को चिन्हांकन किया गया। शिविर के पहले दिन ग्वालियर जिले के 78, मुरैना 20, गुना 09, श्योपुर 31, शिवपुरी 33 और भिण्ड से 26 दिव्यांगों के कृत्रिम पैर का परीक्षण किया गया। शिविर के दूसरे दिन अशोक नगर 18, दतिया 35, विजय नगर 18 तथा ग्वालियर से 25 दिव्यांगों का कृत्रिम पैर का परीक्षण किया गया। इस शिविर में मध्य प्रदेश शासन की तरफ से मरीजों को घर से लाने और ले जाने के निःशुल्क बस सेवा भी उपलब्ध करायी गई और दिव्यांगों तथा उनके साथ आये तीमारदारों को चाय, नाश्ता तथा खाने की व्यवस्था की गई तथा उनके रात्रि में ठहरने की व्यवस्था की गई एवं खाना भी उपलब्ध कराया गया।
इस शिविर में शिवपुरी, ग्वालियर, गुना, दतिया, भिण्ड, मुरैना, श्योपुर, विजय नगर, अशोक नगर आदि जगहों से दिव्यांगों का रजिस्ट्रेशन जिला कलेक्ट्रेट, प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड रिसर्च ग्वालियर तथा सामाजिक एवं न्याय विभाग के द्वारा कराये गये तथा शिविर को आयोजित किया गया।
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