जामनेर कोर्ट ने हादसे के लिए जिम्मेदार वाहन चालकों को किया लाइन हाजिर, 4500 रुपये जुर्माना भरने का दिया आदेश | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

जामनेर कोर्ट ने हादसे के लिए जिम्मेदार वाहन चालकों को किया लाइन हाजिर, 4500 रुपये जुर्माना भरने का दिया आदेश | New India Times

ड्रंक एंड ड्राइव, हिट एंड रन जैसे मामलों में आए दिन नामजद होते केसेस और उनमें होती सजा के कई उदाहरण समाज ने देखे हैं बावजूद इसके राइडर्स यानी वाहन चालकों के भीतर सार्वजनिक यातायात को लेकर सुनिश्चित किए गए नियमों के अनुरूप अनुशासन आता नहीं दिखता। जामनेर कोर्ट में पहुर पुलिस स्टेशन की ओर से कुछ ऐसे ही मामले लिस्ट किए गए थे जिनमें फैसला सुनाते हुए मैजिस्ट्रेट ने आरोपियों को कोर्ट के सामने लाइन हाजिर किया। इसमें पहला मामला है कोकड़ी तांडा ब्लॉक पाचोरा निवासी दशरथ राठौड़ का, राठोड़ ने शेंदुर्नी मालखेड़ा सड़क पर पैजिओ रिक्शा को इस कदर दौड़ाया की सामने से आ रहे ट्रैक्टर को टक्कर मार दी। दूसरे केस में संभाजी बरोटे ने ढालसिंगी तोंडापुर सड़क पर बुलेट की ऐसी धुंवाधार सवारी की कि सामने से आ रही दूसरी बाइक को ठोंक दिया। दोनों मामलों में पैरवी के दौरान कोर्ट को बताया गया कि आरोपियों ने सड़क की परिस्थितियों को दरकिनार कर बेदरकार यानी गैर जिम्मेदाराना तरीके से वाहन चलाए जिससे यह हादसे हुए हैं। न्यायधीश भूषण काले ने दोनों मामलों के आरोपियों को लाइन हाजिर करते कहा कि कोर्ट का निर्धारित कामकाज ख़त्म होने तक दोनों आरोपी कोर्ट के सामने खड़े रहेंगे, उसके बाद दोनों आरोपियों को 4500 रुपये जुर्माना भरने के आदेश दिए गए।
इन दोनों मामलों में सरकार पक्ष की ओर से कुल 6 गवाह परखे गए, सरकारी वकील अनील सारस्वत ने जिरह की। मनोज बाविस्कर, राजेंद्र परदेसी, अविनाश पाटिल इन पुलिस कर्मियों ने केस की जांच में योगदान दिया।

मिशन वात्सल्य को लेकर जनजागरण

जामनेर कोर्ट ने हादसे के लिए जिम्मेदार वाहन चालकों को किया लाइन हाजिर, 4500 रुपये जुर्माना भरने का दिया आदेश | New India Times

कोरोना संकट के दौरान लाखों की तादात में आम नागरिकों की मौत हो गई जिसमें किसी ना किसी ने कोई अपना खोया है, खास कर जो बच्चे यतिम हुए हैं उनकी पीड़ा असहनीय है, ऐसे बच्चों के सरकारी पुनर्वास के लिए कानूनी परामर्श की आवश्यकता के तहत मिशन वात्सल्य का आरंभ किया गया है। ऐसी जानकारी सहायक सरकारी वकील कृतिका भट ने दी है। भट ने कहा कि कोरोना में अपने मां बाप गंवा बैठे बच्चों और विधवाओं को उनके हक की संपत्ति पर बतौर उत्तराधिकारी की जाने वाले कानूनी पंजीकरण प्रक्रिया के लिए कोर्ट की ओर से पहल की जाएगी। मंच पर एडवोकेट अनील सारस्वत, एडवोकेट प्रदीप शुक्ला, एडवोकेट ज्ञानेश्वर बोरसे, एडवोकेट शिल्पा सालवे आदि मान्यवर उपस्थित रहे।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading