अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:
मध्यप्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति में जो भी बदलाव हुआ है उससे ना तो शराब मिलना बंद होगा और ना ही पीने पर प्रतिबंध लगाया जा सकेगा। यह कहना है समाज सेवी हाजी मोहम्मद इमरान का। उनका कहना है कि जो लोग शराब पीते हैं वह सड़कों, फुटपाथों एवं सूनी गलियों को शराब पीने का अड्डा बनाएंगे जिससे राहगीरों, महिलाओं एवं बच्चियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उनका कहना है कि अहाते जरूर बंद हो जाएंगे लेकिन शराब उपलब्धता-पीने की आदतें, कैसे बंद होंगी। उनका कहना है कि अहाते पहले भी थे, जिन्हें बाद में बंद कर दिया गया था और फिर से अहातों को चालू कर दिया गया था. अब फिर अहाते बंद कर दिए गए हैं. संभवत अहाते चालू करने और बंद करने की प्रक्रिया एक ही सरकार के समय-समय पर लिए गए अलग-अलग फैसले हैं। सवाल यह है कि सार्वजनिक स्थानों पर सुराप्रेमियों की उमड़ती भीड़ रोकने के लिये अहाते शुरू करने का निर्णय सही था या अब बंद करने का निर्णय सही है या जन हित में महिलाओं के हित में शराब पर पुनः प्रतिबंध ज़रूरी है। उनका कहना है कि शराब की दुकानों को शहर से दूर किया जाना मील का पत्थर साबित होगा न कि सिर्फ अहातों पर प्रतिबंध कारगर साबित होगा। उन्हों ने मांग की है कि शहर में जो भी शराब की दुकानें स्कूल कालेज धर्म स्थलों के पास हैं उनको हटाने की पहल शहर भोपाल से ही शुरू की जाए।
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