हाशिम अंसारी, सीतापुर ( यूपी ), NIT; उत्तर प्रदेश में घाघरा नदी का जल स्तर जहां बढ़ रहा है वहीं इसके तेज धारा का कहर जारी है जिस को लेकर आस पास के ग्रामीणों में बेचैनी बढ़ती जा रही है। लोग बाढ व कटान की आशंका से डरे हुए हैं। कुछ ग्रामीण अपने घरों को छोडकर पलायन कर चुके हैं और कुछ पलायन की तैयारी में हैं।
ग्रामीण पियारे व राम स्वरूप, राम नरेश यादव ने NIT संवाददाता को बताया कि सोमवार की सुबह से लेकर मंगलवार तक तकरीबन 5 फुट पानी की बढ़ोतरी हुई है।घाघरा के तेजी से कटान में कमी आई है,पर इतनी कमी नहीं आई है जिससे लोगों को राहत मिल सके पर कटान कम जरूर हुआ है। इसके बावजूद मुसीबत न घटी है और न ही कम हुई है।
घाघरा के बढ़ते जल स्तर से भय भीत लोगों का पलायन करना बन्द नहीं हुआ है बल्क लोगों का पलायन निरन्तर जारी है। गोडियनपुरवा के पियारे घाघरा के बढ़ते जल स्तर को देखकर अपना पक्का मकान तोड़ रहे हैं। सोहन अपना पक्का मकान तोड़कर पलायन कर चुके हैं। पसिन्नपूर्वा, परमेश्वर, दुर्गा पुरवा, कोनी, पचीसा, तियागी महराज कुटी, मरैली आदि गांवों के पास घाघरा खेती योग्य जमीनों को काट भी रही है। दुर्गा पुरवा के राजित राम, किरपा राम, भगौती, छेद्दउ, राम सिंह, बलराम आदि लोग अपने पक्के मकानों को धीरे धीरे तोड़कर पलायन कर रहे हैं। दुर्गापूर्वा के बलराम का नल घाघरा की तेज लहरों में बह गया है।गोडियनपुरवा ,दुर्गापूर्वा, लुधपुरवा, कोनी, परमेश्वर पुरवा आदि गांवों के अन्य करीब सैकड़ों मकान घाघरा के कनारे पर पहुंच चुके हैं। उपरोक्त गांवों के लोगों का मानना है कि अगर यही हाल घाघरा का रहा तो एक न एक दिन गोडियनपुरवा/दुर्गापूर्वा का भी अस्तित्व समाप्त हो सकता है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.