पवन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:
संत शिरोमणि श्री विजयराम दास महाराज की 25वीं पुण्यतिथि की रजत जयंती के महामहोत्सव के अवसर पर 30 जनवरी से 6 फरवरी तक श्री रघुनाथजी का मंदिर में आठ दिवसीय सनातन धर्म महासमागम आयोजित किया जाएगा जहां देश भर के जगद्गुरु, संत महापुरुषों का संगम होगा।
सनातन धर्म महासमागम के आयोजक एवं पंडित विजयरामदास महाराज स्मृति परमार्थ न्यास के अध्यक्ष महामण्डलेश्वर श्रीमहंत रामभूषण दास महाराज, आयोजन के प्रशासनिक समन्वय अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय एवं डॉ. केशव पाण्डेय ने पड़ाव स्थित इंटरनेशनल सेंटर ऑॅफ मीडिया एक्सीलेंस (आईकॉम) पर आयोजित पत्रकार-वार्ता में यह जानकारी दी।
महामंडलेश्वर ने बताया कि महासमागम के दौरान प्रतिदिन प्रातः 8 से 10.30 बजे तक श्रीराम महायज्ञ, 11 बजे से अपरांह 1.35 बजे तक भागवत कथा होगी।
दोपहर 2 बजे से सायं 5 बजे तक संत प्रवचन एवं 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं रासलीला के आयोजन होंगे। जबकि 6 फरवरी को पूर्णाहूति, संत समागम एवं विशाल भंडारा आयोजित किया जाएगा। इससे पूर्व 28 जनवरी को प्रातः 10 बजे श्रीरामार्चा महायज्ञ होगा और 29 जनवरी रविवार को प्रातः 10 बजे भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी। कलश यात्रा गोहद नगर से प्रारंभ होकर श्री रघुनाथजी मंदिर विजयराम धाम खनेता पहुंचेगी।
श्री उपाध्याय ने बताया कि महासमागम में जगद्गुरु शंकराचार्य, जगद्गुरु रामनंदाचार्य, जगद्गुरु द्वाराचार्य, जगद्गुरु रामानुजाचार्य, जगद्गुरु नामद्वाराचार्य सहित इक्कीस से अधिक सनातन धर्म के शीर्षस्थ धर्माचार्यों का एक ही मंच पर संगम होगा। इनमें गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर श्रीमज्जगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती महाराज, मणिरामदासजी की छावनी अयोध्या के नृत्यगोपाल दास महाराज, ज्योर्तिमठ बद्रिकाश्रम हिमालय के जगद्गुरु श्रीमद् स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज, जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य महाराज, श्री मलूकपीठाधीश्वर स्वामी श्रीराजेंद्रदास देवाचार्य महाराज, मप्र. गौ संवर्धन बोर्ड कार्य परिषद अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज, महामंडलेश्वर माँ कनकेश्वरी देवी, सलेमाबाद राजस्थान निंबार्कपीठाधीश्वर जगद्गुरु श्यामशरण देवाचार्य श्रीश्रीजी महाराज, श्रीकामतानाथ प्रमुख द्वार श्रीचित्रकूट धाम के जगद्गुरु स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज एवं बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री प्रमुख हैं।
महामंडलेश्वर रामभूषण दास ने बताया कि सामाजिक समरसता एवं लोक कल्याण की भावना से प्रेरित यह सनातन धर्म महा समागम हर दृष्टि से विशिष्ट है। समागम में आने वाला प्रत्येक श्रद्धालु पवित्र स्थल की सात्विक अनुभूति से अभिभूत होगा।
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