किसी भी शहर का ट्रैफिक इंफ्रस्ट्रक्चर और इंफोर्समेंट से मिलकर बनता है: एडीजीपी ग्वालियर जोन | New India Times

पवन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:

किसी भी शहर का ट्रैफिक इंफ्रस्ट्रक्चर और इंफोर्समेंट से मिलकर बनता है: एडीजीपी ग्वालियर जोन | New India Times

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ग्वालियर जोन श्री डी श्रीनिवास वर्मा एवं कमिश्नर ग्वालियर श्री दीपक सिंह के मार्गदर्शन में पुलिस निंयत्रण कक्ष ग्वालियर सभागार में ‘यातायात सुधार संबंधी बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में एडीजीपी ग्वालियर के साथ पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री अमित सांघी, नगर निगम आयुक्त श्री किशोर कान्याल, अति. पुलिस अधीक्षक शहर मध्य/यातायात श्रीमती मृगाखी डेका, सीईओ स्मार्ट सिटी श्रीमती नीतू माथुर, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्री एच.के. सिंह, उप पुलिस अधीक्षक यातायात श्री नरेश अन्नोटिया, श्री विक्रम सिंह कनपुरिया के साथ यातायात पुलिस, नगर निगम, स्मार्ट सिटी तथा पीडब्लूडी ग्वालियर के अधिकारीगण मौजूद रहे। बैठक के प्रारंभ में एडीजीपी ग्वालियर जोन द्वारा बैठक में उपस्थित अधिकारियों से उनका परिचय प्राप्त किया गया।

एडीजीपी ग्वालियर जोन ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी शहर का ट्रैफिक इंफ्रस्ट्रक्चर और इंफोर्समेंट से मिलकर बनता है। इसमं पुलिस के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन का भी बहुत बड़ा योगदान होता है। क्योंकि शहर में यातायात के सुचारू संचालन के लिये किये जाने वाले निर्माण कार्यों जैसे सड़क, ब्रिज, पार्किंग निर्माण आदि में प्लानिंग उच्च स्तर की होनी चाहिये। हमें इन निर्माण कार्यों की प्लानिंग करते समय शहर के यातायात घनत्व का भी ध्यान रखना चाहिये तभी यातायात सुधार हेतु बनाई गई हमारी योजनाऐं सफलता पूर्वक क्रियान्वित होंगी। हम जब भी किसी शहर में जाते हैं तो वहां के यातायात से ही उस शहर की पहचान करते हैं। यातायात संबंधी इंफ्रस्ट्रक्चर को ठीक से प्लान ना करते हुए सीधे क्रियान्वित करने पर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्रायः देखने में आता है कि सड़क पर होने वाली दुघर्टनाओं की मूल वजह सड़क, ब्रिज आदि के निर्माण के समय ट्रैफिक इंजीनियरिंग का ठीक से इस्तेमाल न करना है। जिसका खामियाजा वाहन चालक को अपनी जान से हाथ धोकर चुकाना पड़ता है। इसलिये सड़कों पर सिंग्नल, साईन बोर्ड, स्पीड ब्रेकर आदि का प्रयोग सही से होना चाहिये। इसके साथ ही जिला पुलिस प्रशासन को अपना एक व्यक्ति सिटी कन्ट्रोल रूम/स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम में तैनात करना चाहिये जो कि सीसीटीवी कैमरो के माध्यम से शहर के यातायात पर नजर रखे व ऐसे स्थानों को चिन्हित करें जहां यातायात घनत्व अधिक है तथा उसी की राय पर आधुनिक योजनाएं तैयार की जायें।

अति0 पुलिस अधीक्षक शहर-मध्य/यातायात द्वारा प्रजेन्टेशन के माध्यम से विगत दिनों हुई यातायात सुधार संबंधी बैठकों में दिये गये टारगेट व उनके क्रियान्वयन की वर्तमान स्थिति से सभी को अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि शहर में बनाये गये वन-वे मार्गों पर बेरीकेटिंग कर उनका यातायात का सुचारू संचालन कराया जा रहा है इसके साथ ही शहर में कुछ नवीन मार्गों को भी वन-वे के लिये चिन्हित किया गया है। उनके द्वारा नगर निगम से गोला का मंदिर चौराहे पर जेब्रा लाईन व रोड़ मार्किंग पुनः कराये जाने का सुझाव भी दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि यातायात पुलिस द्वारा ई-चालान की तामीली को भी बढ़ाया गया है व रात्रि के समय खुले में शराब पीने वालों की चेकिंग कर कार्यवाहियां की जा रही हैं। यातायात पुलिस द्वारा समय-समय पर हेल्मेट जागरूकता अभियान भी चलाये गये हैं जिसका प्रभाव विगत कुछ दिनों से शहर के मुख्य मार्गों पर भी दिखाई दे रहा है। यातायात पुलिस द्वारा स्कूल/कॉलेज की बसों की निरंतर चेकिंग की जा रही है। बैठक में यातायात पुलिस द्वारा बारादरी चौराहे की रोटरी कम किये जाने, ऑटो-टमटम के रूट तय किये जाने, नया बाजार स्थित मल्टीलेबल पार्किंग में सुधार किये जाने, स्टेशन बजरिया व किलागेट पर ऑटो के लिये पार्किंग की व्यवस्था किये जाने, ऊंट पुलिस का एरिया बढ़ाया जाने का सुझाव रखा गया।

बैठक में कमिश्नर ग्वालियर ने एडीजीपी ग्वालियर से कहा कि यातायात पुलिस द्वारा स्कूल बसों में बच्चों को ‘‘गुड-टच बैड-टच’’ से अवगत कराया जाना चाहिये इसके साथ ही स्कूल बस के ड्राइवर व कंडेक्टर की जानकारी स्कूल के नजदीकी थाने द्वारा रखी जाना चाहिये तथा स्कूल संचालकों को भी सूचित किया जाये कि स्कूल बस के ड्राइवर व कंडेक्टर के बदले जाने की स्थिति में उसकी जानकारी तत्काल संबंधित थाने में दी जावे। उनके द्वारा मल्टीलेबल पार्किंग के प्रति लोगों की रूचि बढ़ाने के लिये 01 माह के लिये उक्त पार्किंग मुफ्त किये जाने व सड़क पर पार्क होने वाले वाहन चालकों पर जुर्माना किये जाने के लिये कहा गया।

बैठक के अंत में एडीजीपी ग्वालियर जोन ने यातायात पुलिस को जिले की सभी स्कूल बसों में स्पीड गर्वनर, सीसीटीवी एवं जीपीएस लगवाये जाने के लिए निर्देशित किया गया साथ ही यातायात पुलिस के अधिकारियों को अधिक से अधिक संख्या में वाडी वार्न कैमरे खरीद कर यातायात पुलिस को उससे लेस करने के लिये निर्देशित किया गया।


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