अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:
सेम कॉलेज के छात्रों ने अपर कलेक्टर अंकिता त्रिपाठी को ज्ञापन सौंपकर कॉलेज संचालक के खिलाफ़ कार्यवाही की मांग की है।
राजधानी भोपाल के सेम नर्सिंग कॉलेज में फर्जीवाड़ा का मामल सामने आया है। बताया जा रहा है कि 70 सीट होने के बावजूद कॉलेज वालों ने 104 छात्रों का एडमिशन ले लिया। अब तीन वर्ष बाद कॉलेज प्रशासन ने छात्रों को बताया कि कॉलेज के पास सिर्फ 70 सीटें ही है। बाकी के 34 छात्रों को डिग्री नहीं मिलेगी। तो छात्रों ने नाराज़ हो कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया। लगभग तीन घंटे तक प्रदर्शन करने के बाद सभी छात्र अपर कलेक्टर अंकिता त्रिपाठी को ज्ञापन सौंपकर कॉलेज संचालक के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। वहीं छात्र संगठन एनएसयूआई की मेडिकल विंग ने भी इन छात्रों के समर्थन में उतर आई है है।
एनएसयूआई मेडिकल विंग के रवि परमार ने कॉलेज संचालक हरप्रीत सलूजा और प्रीति सलूजा के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की मांग की है। परमार ने कहा कि दर्जनों स्टूडेंट्स डिप्रेशन में हैं, कोई अनहोनी होती है, कोई स्टूडेंट कोई आत्मघाती कदम उठाता है तो इसके लिए सेम कॉलेज प्रशासन और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग जिम्मेदार होंगे।
रवि परमार ने कहा कि, ‘मामा के राज में भांजे भांजियों का करियर दांव पर लगा है, लेकिन मामा कुंभकर्ण की निद्रा में हैं। मामा शिवराज बताएं कि तीन साल बाद ये स्टूडेंट्स कहां जाएंगे? मुख्यमंत्री अपने बेटे को तो पढ़ने विदेश भेज दिया, लेकिन प्रदेश के बाकी स्टूडेंट्स डिग्री और शिक्षा हासिल करने के लिए जूझ रहे हैं। एनआरआई कॉलेज ने उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया, लेकिन मामा शिवराज और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को कोई फर्क नहीं पड़ता।’
परमार ने आरोप लगाया कि शिक्षा माफियाओं को चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए वे स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के पहले कुछ नहीं सोचते। एनएसयूआई मेडिकल विंग चेतावनी देती है कि सरकार छात्रों को न्याय दे वरना सीएम हाउस के बाहर हम आत्मदाह करेंगे।
इस मौके पर राजवीर सिंह, लक्की चौबे, भव्य सक्सेना, शिवकुमार डांगी, रिषी सिंह, जितेंद्र विश्वकर्मा जिसान खान और सभी छात्र छात्राएं उपस्थित थे।
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