मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
शांतीप्रिय जैन समाज के पवित्र, ऐतिहासिक व सुप्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल के रूप में विश्वविख्यात श्री सम्मेदशिखरजी, जिसे पर्यटन स्थल घोषित कर दिए जाने से भविष्य में उपरोक्त तीर्थ स्थल के वातावरण के दूषित होने की संभावना उत्पन्न हो गई थी, इसी वजह से देशभर में जैन समाज में रोष व्याप्त था। अधिवक्ता मनोज जैन ने बताया कि पवित्र तीर्थस्थल, जिसे पर्यटन स्थल घोषित किया जा रहा था के पर्यटन स्थल बनने से वहां पर दुनिया भर के पर्यटक आते व मांस मदिरा आदि भी वहां उपलब्ध होता व पवित्र स्थल की पवित्रता व उसका धार्मिक महत्व को क्षति उत्पन्न होती। इसी विषय को लेकर समूचे जैन समाज और जैन समाज के संत महापुरूषों का विरोध रहा है, जिसे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहृदयता पूर्वक अपने संज्ञान में लेकर हमारे धार्मिक तीर्थस्थल की पवित्रता बनाये रखने के उद्देश्य से जो ऐतिहासिक कदम उठाते हुये श्री सम्मेदशिखरजी को पर्यटन स्थल बनने से रोका है व वह केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से इस संबंध में आदेश जारी करवा कर 2019 में जारी इको टूरिज्म नोटिफिकेशन वापस ले लिया। केंद्र सरकार के इस निर्णय की जैन समाज के सदस्य एवं अधिवक्ता गण रतनचंद्र जैन, श्रीमती राखी जैन एवं सम्पूर्ण जैन समाज द्वारा सराहना करते हुये प्रधानमंत्री जी के प्रति कृतज्ञता, धन्यवाद व आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद पत्र को सौंपा। भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ के जिला संयोजक एवं अधिवक्ता श्री विवेक कासखेड़ीकर, सह संयोजक एवं अधिवक्ता श्री भूपेंद्र कुमार जूनागढ़े तथा तथा अन्य ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर अधिवक्तागण श्री राहुल चौधरी, श्री कैलाश भोयटे, श्री सुशील चौहान, श्री संजय सोनोवने, श्री सुनील वाघे, श्री सुधीर मिसाल, श्री अनूप यादव, श्री विशाल पराड़कर, श्री शंकर महाले, श्री शंकर चौधरी, श्री ईश्वर महाजन, श्री कैलाश असवार, श्री सागर पाटिल, श्री तन्मय पुरोहित सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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