अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ, धुले (महाराष्ट्र), NIT:
पुलिस ने कोरोना के कारण एंटी ड्रंक एंड ड्राइव नाका लगाना बंद कर दिया था। अब ढाई साल बाद पुलिस अधीक्षक संजय बारकुंड के निर्देश पर नववर्ष के अवसर पर पुलिस ने एक बार फिर एंटी ड्रंक एंड ड्राइव नाका लगाना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि नए साल के स्वागत के मौके पर देर रात शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से कई सड़क हादसे हुए है।गुरुवार रात पुलिस ने शहर में चार जगहों पर लगाए नाके पर आठ लोगों को शराब पीकर गाड़ी चलाते पकड़ा। उनके आठ दोपहिया वाहन और एक फोर विलर कार जब्त की गई।
शराब पीकर गाड़ी चलाना प्रतिबंधित है। ट्रैफिक पुलिस के पास बाकायदा एक मशीन भी होती है जिसके जरिए वो आसानी से चेक कर सकते हैं कि कार चलाने वाले व्यक्ति ने कितनी मात्रा में एल्कोहल पी रखी है। यानी एक निश्चित मात्रा तक शराब पीकर गाड़ी चलाने पर कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन जैसे ही आप इस लिमिट को क्रॉस करेंगे आपको भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। पुलिस भी ऐसा इसलिए करती है क्योंकि वह शराब के कारण हो रहे एक्सिडेंट को रोक सके क्योंकि भारत में इसका आंकड़ा सबसे ज्यादा है। हर साल करीब 1.34 लाख लोगों के हुए एक्सिडेंट में 70 फीसद सिर्फ शराब की वजह से मारे जाते हैं।
पुलिस अधीक्षक संजय बारकुंड ने जिले में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या कम और शराब के नशे में वाहन चलाने वालों पर रोक लगाने
ट्रैफिक पुलिस को आदेश जारी किए थे।जिसके चलते देवपुर इलाके में पुलिस ने नाकेबंदी कर वाहन चालकों की जांच की इसमें संदिग्ध देविदास पवार, सुधीर पाटील, सचिन फुलपगारे, पंकज पवार, योगेश पाटील, योगेश ठाकरे, अनिल बागुल, सचिन भदाणे, सुरेश आवटे की जांच की गई । जांच में मशीन ने शराब का प्रमाण अधिक होने की पुष्टि की जिसकी वजह से पुलिस ने मोटर विहकाल एक्ट 185 के तहत चालन काट कर सभी संदिग्धों को शनिवार को अदालत में प्रस्तुत किया।
कानून कितनी है एल्कोहल की लिमिट
बता दें कि किसी भी तरह का एल्कोहल पीकर ड्राइव करना खतरनाक हो सकता है। पुलिस भी ब्रेथलाइजर की मदद से बल्क एल्कोहल कंटेंट (BAC) को चेक करती है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के मुताबकि, ब्लड में एल्कोहल कंटेंट की लीगल लिमिट प्रति 100 ml ब्लड में 0.03 फीसद या 30 mg है।
ड्रिंक एंड ड्राइव में पकड़े जाने पर मिलेंगी ये सजा
अगर किसी व्यक्ति के 100 ml ब्लड में BAC की मात्रा 30 mg से ज्यादा है तो उस पर मोटर व्हीकल एक्ट सेक्शन 185 के तहत जुर्माना और सजा होगी। इसमें 6 महीने की जेल या 2 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों शामिल है। अगर यही अपराध तीन साल के भीतर दूसरी बार होता है तो 2 साल की जेल या 3,000 रुपये जुर्माना या दोनों हो सकता है।
इस जांच अभियान को पुलिस अधीक्षक संजय बारकुंड, अपर पुलिस अधीक्षक किशोर काले, सीएसपी एस रुषिकेश रेड्डी के निर्देशन में शहर यातयात इंस्पेक्टर धीरज महाजन ए पी आय संगीता राउत आदि ने कार्यवाही को अंजाम दिया।
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