मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
अपना पदभार ग्रहण करने के बाद से ही कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी मोहतरमा भव्या मित्तल जिले के विकास एवं समस्याओं के निराकरण को प्राथमिकता में रखते हुए कार्य कर रही है। उनके द्वारा समय-समय पर विभागीय कार्यो की सूक्ष्मता के साथ समीक्षा की जा रही है। समीक्षा के दौरान अनियमितता मिलने एवं शिकायत प्राप्त होने पर उन्होंने जनजातीय कार्य विभाग, राजस्व विभाग तथा सहकारिता विभाग अंतर्गत संबंधितों पर एफआईआर दर्ज करवाई है। विभागीय मामलों को तत्काल संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर के निर्देशानुसार यह कार्यवाहियाँ की गई है। आगे भी इस तरह की कार्यवाहियांँ जारी रहेंगी। अमानतदारों को अमानत वापस ना किये जाने की शिकायत पर हुई जांच, संबंधित के विरूद्ध देर रात्रि हुई एफआईआर दर्ज 8 करोड़ से अधिक की राशि होगी वसूली। विदित है कि सहकारिता विभाग अंतर्गत नेपानगर नागरिक साख सहकारी समिति मर्यादित नेपानगर के अमानतदारों को अमानत वापस न किये जाने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई। मामले की गंभीरता को समझते हुए कलेक्टर के निर्देशन पर संपरीक्षा/स्पेशल ऑडिट करने हेतु जांच समिति का गठन किया गया। समिति द्वारा संपूर्ण जांच परीक्षण करते हुए वर्ष 2017 से 2022 तक के रिकार्ड के आधार पर मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 58(बी) के तहत विशेष प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रतिवेदन के आधार पर नेपानगर नागरिक साख सहकारी समिति मर्यादित नेपानगर के संबंधित पदाधिकारी/अधिकारी/कर्मचारी से वसूली योग्य राशि 8 करोड़ 85 लाख 83 हजार 329 रूपये 65 पैसे बताया गया है। प्रकरण के संबंध में उपायुक्त सहकारिता श्रीमति डाबर द्वारा लगभग 16 व्यक्तियों के विरूद्ध पुलिस थाना नेपानगर में देर गत रात्रि में एफ.आई.आर.दर्ज करायी गई है। वहीं (2) दूसरे मामले में फर्जी हस्ताक्षर एवं सील का उपयोग किये जाने पर एक वरिष्ट अधिवक्ता, उनके मुंशी सहित अन्य व्यक्ति पर केस दर्ज, मामले की जांच जारी दिनांक 27 दिसम्बर, 2022 को कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट सुश्री भव्या मित्तल के निर्देशानुसार तहसीलदार बुरहानपुर द्वारा, फर्जी नामांतरण रिकार्ड दुरूस्ती मेमो जांच के मामले में फर्जी हस्ताक्षर एवं सील का उपयोग करने पर संबंधित के विरूद्ध सिटी कोतवाली में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। तहसीलदार बुरहानपुर श्री रामलाल पगारे ने जानकारी देते हुए बताया कि, दिनांक 22 नवम्बर, 2022 को बख्शीश के आधार पर मेरे द्वारा नामांतरण के 2 प्रकरण खारिज किये गये थे। 23 नवम्बर, 2022 को लालबाग पटवारी श्री प्रवीण पवार ने दोनो प्रकरणों के प्राप्त मेमो में संदेह होने पर मेरे समक्ष पहुँचकर अपनी बात रखी। इस प्रकार दोनों प्रकरणों की जांच की गई। जांच करने पर पाया गया कि प्रकरण पूर्व में ही खारिज किये जा चुके थे। जांच में फर्जी हस्ताक्षर तथा सील होना पाया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर सुश्री मित्तल ने संपूर्ण रिकार्ड के जांच करने के निर्देश दिये। तदोपंरात प्रकरण में फर्जी रिकार्ड दुरूस्ती मेमो के संबंध 42 पक्षकारों को सूचना पत्र जारी किये गये। शासकीय दस्तावेजों, पटवारी प्रतिवेदनों एवं सूचना पत्र उपरांत उपस्थित प्रकरण के पक्षकारों द्वारा प्रस्तुत कथनों का गहन एवं विस्तृत अवलोकन किया गया। तत्पश्चात यह पाया गया कि, अधिवक्ता फरीद अहमद, मुंशी जिशान, मोहम्मद असलम पिता मोहम्मद मुश्ताक निवासी मोमीनपुरा द्वारा न्यायालय तहसीलदार के नाम से फर्जी रिकार्ड दुरूस्ती मेमो तैयार कर तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर एवं फर्जी सील का उपयोग किया गया है। संबंधित मामले में मुंशी जिशान द्वारा फर्जी हस्ताक्षर एवं सील के उपयोग करने की बात स्वीकार की गई है। उक्त मामले में तहसीलदार बुरहानपुर द्वारा कोतवाली थाने में एफ.आई.आर.दर्ज कराई गई है। मामले की जांच की जा रही है।( 3) वित्तीय अनियमितता होने पर तत्कालीन सहायक ग्रेड-2 श्री नारायण पाटिल पर हुई एफआईआर, मामले की विवेचना जारी जनजातीय कार्यालय विभाग के वित्तीय अनियमितता के मामले में सक्रिय होकर कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल के निर्देशानुसार दोषियों के विरूद्ध लालबाग थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिसकी विवेचना जारी है। लेख है कि उक्त मामले के संबंध में कलेक्टर द्वारा जांच समिति का गठन कर जांच एवं परीक्षण करवाया गया। प्राप्त जानकारी अनुसार जनजातीय कार्य विभाग में तत्समय वित्त विभाग के अनुमति के बिना नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक शाखा बुरहानपुर में खाता खोलकर कोषालय से बड़ी राशि अग्रिम आहरण कर उक्त खाते में राशि जमा करवाई गई, जो कि वित्त विभाग के निर्देशों के विपरित होकर गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में है। सभी भुगतान ई-भुगतान के माध्यम से होने चाहिए थे। जबकि वर्ष 2010 से वर्ष 2017 के मध्य आहरित राशि लगभग 10.17 करोड़ में से 3 करोड़ से अधिक की राशि का नगद आहरण किया गया। जांच दल के प्रतिवेदन के आधार पर बताया गया कि किसी निजी व्यक्ति स्वाति मुकेश के नाम पर 10 लाख 7 हजार 500 रूपये एवं पल्लवी बालकृष्ण के नाम से 10 लाख 7 हजार 500 की राशि शासकीय खाते से भुगतान की गई है तथा अन्य कई ऐसे भुगतान भी हुए है। जिनकी प्रविष्टि शासकीय अभिलेखों में नहीं पायी गई है। सहायक आयुक्त श्री लखनलाल अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि उक्त खाता संचालन के दौरान वर्ष 2010 से 2017 की अवधि में लेखा शाखा के प्रभार पर तत्कालीन सहायक ग्रेड-2 श्री नारायण पाटिल पदस्थ रहे। तत्समय संचालित खाते में अनाधिकृत रूप से जमा की गई राशियों एवं नियम विरूद्ध आहरण की प्रथम दृष्टया संलिप्तता होने पर श्री नारायण पाटिल के विरूद्ध लालबाग थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
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