अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:
ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन की राज्य इकाई ने मध्यप्रदेश के आबकारी विभाग के निर्णय के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है जिसके तहत नये वर्ष व अन्य किसी अवसर पर 500 रूपये फी में लाइसेंस देने के नाम पर शराब पार्टी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
संगठन की राज्य सचिव रचना अग्रवाल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि महिलाओं एवं बच्चियों पर भयावह रूप से अपराध बढ़ रहे हैं, महिलाओं की तस्करी के मामले में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर है और इसमें शराब नशे की एक बड़ी भूमिका है। उसके बावजूद सरकार लगातार शराब को बढ़ावा देने वाली नीतियां ला रही है। सरकार कह रही है कि नए वर्ष व अन्य जश्न के अवसर पर लोग खुलेआम सड़कों पर शराब पीकर घूमते हैं और शोर शराबा करते हैं। इसलिए यह व्यवस्था की गई है जिससे सभी 4 से अधिक शराब की बोतल के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा कर आराम से घर में बैठकर शराब पियें और पार्टी मनायें। वास्तविकता यह है कि सरकार चाहती है कि घर-घर तक शराब पहुंच जाए और यह इसलिए चाहती है कि महंगाई, बेरोजगारी, महिलाओं पर बढ़ते अपराध इससे आम जनता भयंकर रूप से त्रस्त है और अगर उसकी नैतिक रीढ़ मजबूत रहे तो वह अन्याय के खिलाफ खड़ी होगी, सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आंदोलन खड़ा करेगी लेकिन सरकार यह नहीं चाहती है इसलिए जानबूझकर नौजवानों को बर्बाद करने के लिए उनके नैतिक पतन के लिए सीढ़ियां तैयार कर रही है और शराब को प्रोत्साहित कर रही है। इससे महिलाओं बच्चियों पर अपराधों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी। महिला सांस्कृतिक संगठन इसकी कड़ी निंदा करता है और मांग करता है कि इसको तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए। शराब को प्रोत्साहित करने के तमाम फैसले वापस लिए जाएं। दूसरी तरफ हम नौजवानों से अपील करते हैं कि सरकार के झांसे में ना आएं और अपने जीवन और भविष्य को बेहतर बनाने के लिए हर प्रकार के अन्याय के खिलाफ संगठित हों।
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