भैरु सिंह राजपुरोहित, बीकानेर (राजस्थान), NIT; प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही सबसे पहले जिस योज़ना की घोषणा की वह “सांसद आदर्श गांव योज़ना” है। इस योज़ना को उनके ही दल के सांसद पूरी करने में रूचि नहीं ले रहे हैं, जिससे यह योजना लगभग ठन्डे बस्ते में समा गई है।इसी योज़ना के तहत बीकानेर के सांसद और केंद्र के कंपनी मामलात ,वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बीकानेर जिले के श्री डूंगरगढ के गांव तोलियासर को आदर्श सांसद योज़ना में गोद लिया तो पूरे गांव में मिठाइयां बंटी और पटाखे फूटे और आम आदमी को एक आस जगी की अब गांव का समुचित विकास होगा और विकास की इस दौड़ में अपना गांव भी बढ़ेगा, पर ज्यों ज्यों समय बीतता गया लोगों की आशाएं धूमिल होने लगीं और समस्याएं जिनके ख़त्म होने की उम्मीद जगी थी वो सब समस्याएं आज भी जस की तस बनी हुई हैं।
गांव के जागरूक लोगों ने बार-बार सांसद से मिलकर, पत्र भेज कर याद भी दिलाया कि हमारा गांव आपकी गोद में है पर सांसद गोद से उतारने को तैयार नहीं हुए। कुछ वक़्त पहले सांसद ने 35 लाख का बजट तो स्वीकृत कर दिया और उस बजट से शमशान की चार दिवारी का काम शरू हुआ और घटिया सामग्री का प्रयोग होने लगा तो जागरूक लोगों ने विरोध दर्ज करवाया तो उस विरोध का नतीजा यह निकला काम ही बंद करवा दिया गया जो आज भी बंद पड़ा है। पक्ष विपक्ष की खींचतान का शिकार हुआ आदर्श गांव तोलियासर आज भी विकास योजनाओं के पूरे होने की राह ताक रहा है।दिनांक 29 जुलाई 2017 को भी वित्त राज्य मंत्री और सांसद का इलाके में कार्यक्रम हुआ और कई उद्धघाटन पट्टिकाओं का लोकार्पण करते स्वागत सत्कार करवाते सांसद तोलियासर पहुंचे, जहां अपने गोद लिए गांव में आरटीआई कार्यकर्ता पृथ्वी राज सिंह के साथ जागरूक लोगों ने जोरदार विरोध में नारेबाज़ी करते हुए उनसे पूछा की आपकी घोषणाओ का क्या हुआ? तो सांसद से एक बार तो जवाब देते ना बना फिर शीघ्र कार्य करवाने का आश्वासन देकर और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को स्थगित कर निकल लिए चुपके से अगली पट्टिका का उद्धघाटन करने।
गांव के ही गोपाल सिंह ने NIT संवाददाता को बताया की तोलियासर को जब से सांसद ने आदर्श गांव योज़ना में गोद लिया है तब से अब तक कोई काम इस योज़ना से हुआ नहीं और सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ भी अब नही मिलता की यह तो सांसद योज़ना में गोद में है। श्रवण सिंह ने बताया की हम सब ने बार बार आग्रह किया है पर अब तक योजनाओं के तहत गांव विकास की राह जो रहा है और अब तो उम्मीदें भी धूमिल हो चुकी हैं।
सोशल मीडिया पर भी इस योज़ना और मेघवाल के द्वारा लिए गए इस आदर्श गांव योज़ना पर सोशल मीडिया यूजर्स का जमकर रोष देखने को मिल रहा है।
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