अबरार अली, ब्यूरो चीफ, सिद्धार्थ नगर (यूपी), NIT:
राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग ने 6 दिसंबर को जारी अधिसूचना में होम्योपैथी के स्नातक डिग्री के पाठ्यक्रम (बीएचएमएस) बैचलर आफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी में मॉडर्न फार्माकोलॉजी (एलोपैथी) को शामिल किया गया है। इसमें होम्योपैथी में अध्ययन कर रहे छात्रों को अब (एलोपैथी) मॉडल फार्माकोलॉजी पढ़ाई जाएगी। इसकी अधिसूचना राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग ने जारी किया है, देश के सभी संस्थानों में आयोग की अधिसूचना लागू होगी। होम्योपैथी छात्र होम्योपैथी के साथ एलोपैथी मॉडर्न फार्माकोलॉजी का भी अध्ययन करेंगे।
प्रज्ञान इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी रांची झारखंड के सलाहकार व ग्लोब ईगल यूनिवर्सिटी अमेरिका के होम्योपैथी विभाग के विभागाध्यक्ष (दूरस्थ शिक्षा) प्रोफेसर डॉक्टर भास्कर शर्मा ने कहा कि होम्योपैथी चिकित्सक का अब एलोपैथी के विचारधारा के तरफ अग्रसर होते जाएंगे जबकि एलोपैथी की विचारधारा होम्योपैथी की विचारधारा यानी सिद्धांत के बिल्कुल विपरीत है, ऐसे में हॉलिस्टिक हेल्थ की परिकल्पना पूर्णतया खत्म हो जाएगी। यह षड्यंत्र हनीमैंनियन सिद्धांत को खत्म करने के लिए किया गया है ताकि लोग हानि रहित उपचार से वंचित हो सकें और फार्मा कंपनियों का व्यवसाय फल फूल सके।
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