मेरा ग्वालियर व्यसन मुक्त ग्वालियर: युवा पीढ़ी को नशे के चंगुल से छुड़ाएं: ब्रह्माकुमारीज | New India Times

गुलशन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:

मेरा ग्वालियर व्यसन मुक्त ग्वालियर: युवा पीढ़ी को नशे के चंगुल से छुड़ाएं: ब्रह्माकुमारीज | New India Times

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के मेडिकल विंग द्वारा चलाए जा रहे अभियान मेरा ग्वालियर व्यसन मुक्त ग्वालियर के आज छठवें दिन अनेकानेक जगह कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।
जे.सी. मील गर्ल्स कॉलेज सी.आर.पी.एफ., राजा मानसिंह तोमर कला एवं संगीत विश्व विद्यालय, एस.एफ. 13 बटालियन एवं पुलिस ट्रेनिंग सेंटर तिगरा सहित अन्य जगहों पर कार्यक्रम आयोजित हुए।

मेरा ग्वालियर व्यसन मुक्त ग्वालियर: युवा पीढ़ी को नशे के चंगुल से छुड़ाएं: ब्रह्माकुमारीज | New India Times

अभियान में चल रहीं ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि नशे की समस्या इतनी गंभीर है कि आज हमारे देश में हर 8 सेकंड में एक व्यक्ति 1 दिन में 3750 और एक वर्ष में 13.5 लाख लोगों की केवल एक तंबाकू के नशे के कारण मृत्यु हो जाती है। आज एक एक्सीडेंट होता है और लोगों की मृत्यु होती है अखबार में खबर आ जाती है और सभाओं में प्रश्न उठ जाता है लेकिन यहां 3750 लोग हर रोज मृत्यु का ग्रास बन रहे हैं और हम उस पर कोई भी चर्चा नहीं करते। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2021 में एक अध्ययन किया जिसके अनुसार तम्बाखू अपने सबसे अच्छे ग्राहकों में से 68 प्रतिशत को समय से पहले मृत्यु का वरदान देता है। आज हमारे 5500 युवा जिनकी आयु 14 से 18 वर्ष के बीच की होती है प्रतिदिन नशा देने वालों की भीड़ में शामिल हो जाते हैं।

मेरा ग्वालियर व्यसन मुक्त ग्वालियर: युवा पीढ़ी को नशे के चंगुल से छुड़ाएं: ब्रह्माकुमारीज | New India Times

ब्रम्हाकुमारी का यह उद्देश्य है कि 2000 और उसके बाद जितने भी बच्चों ने इस भारत भूमि पर जन्म लिया है उन सबको जागरूक करके नशे के चंगुल से बचाया जाए। जैसे हम सबने अपने देश को पोलियो मुक्त किया है क्या भविष्य के भारत को हम नशा मुक्त नहीं कर सकते। भारतवर्ष एक महान भूमि है जिस पर रहने वाले हम सभी देवी देवताओं के वंशज हैं, आइए हम सब मिलकर आज अपने देश को फिर से नशा मुक्त करने का संकल्प लें, अपनी युवा पीढ़ी को इन व्यसनों से बचाएं, जो भाई बहन इसके चंगुल में फंस गए हैं उन्हें उससे छुड़ाने का प्रयास करें। समाज में व्यसनों के प्रति जागरूकता लाकर और स्वस्थ और स्वच्छ समाज के निर्माण में अपना योगदान दें।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading