ओवैस सिद्दीकी, अकोला (महाराष्ट्र), NIT; दुनिया के माहौल के बदलाव की बच्चों ,नागरिकों को मालूमात हो तथा विद्यर्थियों में विज्ञान के प्रती जिज्ञासा निर्माण हो इस उद्देश्य से चलाई गई वातानुकुलित 16 ए-सी डिब्बों वाली साइन्स एक्सप्रेस विगत 27 – 28 जुलाई को अकोला मे उपस्थित रही, जिसे देखने के लिए विद्यर्थियों के साथ नागरिकों का रेल्वे स्टेशन पर जन सैलाब नजर आया।प्राप्त जाणकारी के अनुसार इसकी महाराष्ट्र मे 7वीं फेरी है तथा अब तक चुंनिंदा केवल 5 स्टेशनों पर ही यह रुकी है जिसमें अकोला का समावेश नही था लेकीन स्थानिक खासदार संजय धोत्रे, विधायक गोवर्धन शर्मा आदि की कोशिशों के चलते ट्रेन को अकोला में रुकना पडा और अकोला वासीयों को सूनहरा अवसर प्रदान हुआ।
बता दें कि इस ट्रेन के 16 ए-सी कोच को आर्किटेकचर बिल्डींग ब्लॉक नजरीए से बानाया गया है ताकी मुसाफिरों को घर (flat) जैसी सेवाएं मिलें, इसी के साथ विधार्थियों के लिए ऑडिओ विडिओ डीसप्ले का इंतेजाम है जिस्के द्वारा उन्हें विविध मालूमात दी जा सकती है। इसे अब तक कारीब 1.65 करोड नागरिक देख चुके हैं। इस सुन्हेरे मौके का अकोला, अकोट, पातूर आदि के साथ विविध तहसील के हजारों विध्यार्थीयों, नागरिकों ने फायदा उठाया। नागरिकों छात्रों का उत्साह देखते हुए रेल्वे सुरक्षा बल तथा पुलीस अधीक्षक राकेश कालासागर, अप्पर पुलीस अधीक्षक विजयकांत सागर के नेतृव में अकोला पुलीस द्वारा विविध सूरक्षा एवं सुविधाओं का इंतेजाम किया गया था लेकीन रेल्वे सुरक्षा कर्मियों द्वारा नियोजन सही न होने की वजह से कई पत्रकारों को खबर लेने में दिक्कतों का सामना करना पडा। वहीं किसी के साथ रेल्वे सुरक्षा बल कर्मीयो द्वारा असभ्य व्यवहार भी किए गए तथा समाचार लिखने और सबंधित जाणकारी प्राप्त करने में बाधा निर्माण की गई।इसी के साथ साइन्स एक्सप्रेस देखने आए इच्छुकों के लिए प्रशासन की ओर से कोई खास सुविधा जनक व्यवस्था नहीं गई थी। इसी तराह के अपने विविध विचित्र कारनामों से हमेशा अकोला स्टेशन सुर्खियों में रेहता है तथा मुसाफिर असुविधाओ की शिकायत करते रेहते हैं। यात्रीयो की विविध सुविधाओं के मद्देनजर आला अधिकारीयों द्वारा ध्यान देने की जरूरत है।
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