वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
प्रदेश सरकार भले ही यू पी को ग्रीन यूपी बनाने के लिए हर घर हरियाली जैसी योजनाओं पर करोड़ों खर्च कर क्षेत्र को हरा-भरा करने का भरसक प्रयास कर रही हो लेकिन खीरी में वन विभाग के बेलगाम कर्मचारी व अधिकारियों द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार के चलते यह योजनाएं विफल हो रही है और यहां वर्षों पहले लगे हुए हरे-भरे प्रतिबंधित पेड़ पौधों को वन विभाग की मिलीभगत से वन माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से समूल सफाया किया जा रहा हैं जिससे खीरी जिले में हरियाली की बात करना बेमानी साबित हो रहा है।
जनपद खीरी के वनरेंज धौरहरा क्षेत्र में वनकर्मियों की मौन स्वीकृति पर वृक्षों का अवैध कटान का खेल बदस्तूर जारी है। जंगलों के साथ साथ अब गांवों में भी पेड़ काटे जा रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जहां लकड्कट्टो द्वारा एक दो नही पूरी एक एकड़ की हरी भरी बाग काट दी गयी और जिम्मेदार सिर्फ देखते ही रहे। दरअसल यहां जिन्हें पेड़ों की रखवाली का जिम्मा सौंपा गया है चन्द सिक्कों के लालच में वहीं हरियाली के दुश्मन बन गए हैं।
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है की पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत से यह पूरा खेल खेला जाता है जिसमें क्षेत्र में प्रतिदिन बड़ी संख्या में प्रतिबंधित पेड़ों का कटान हो रहा है वन माफिया आम,जामुन,नीम, शीशम व गूलर सहित अन्य पेड़ों पर धड़ल्ले से आरा चला रहे हैं। मामला उजागर होने पर कार्रवाई के नाम पर वनविभाग कर रहा है सिर्फ खानापूर्ति? जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण धौरहरा रेंज के गांव सिसैयाकला में देखने को मिला।
सूत्रों के मुताबिक मुबारक पुत्र भिखारी पूर्व प्रधान सिसैयाकला की एक एकड़ बाग में आम, शीशम, सेमल, जामुन, बेर, गूलर और नीम आदि के पेड़ों को लकड़कट्टों द्वारा काटा गया लेकिन वन विभाग को इसकी कोई परवाह नहीं है। विभागीय अधिकारियों से सांठ गांठ कर ठेकेदार लाखों के वारे न्यारे कर रहे हैं। इस उदासीनता के चलते पर्यावरण को खतरा पहुंच रहा है लेकिन किसी के पास इस तरफ ध्यान देने की फुर्सत नहीं है।
पेडो को उजाड़े जाने से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा है जिसको देखते हुए अधिक से अधिक पौधे लगाने की कवायद सरकारी स्तर पर की जा रही है लोगों को पौधे लगाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। ताकि पर्यावरण को संतुलित किया जा सके लेकिन इससे जुड़ा विभाग ही उदास दिख रहा है जिससे यह कवायद फेल होती नजर आ रही है। क्षेत्र में अधाधुंध कटान जारी है। इसके साथ ही ठेकेदार विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों से सांठ गांठ कर अब गांवों में लगे पेड़ों को भी काट रहे हैं। ग्राम सिसैया कला में एक ठेकेदार द्वारा सेमल के साथ साथ नीम,आम, जामुन व गूलर के पेड़ कटवा डाले और रातों रात इलेक्ट्रॉनिक आरा चलाकर ठिकाने लगा दिया।इस पर वन विभाग धौरहरा अपनी आंखें बंद किये बैठा रहा।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार मामले का खुलासा होने के बाद वन विभाग द्वारा जुर्माना करने का राग अलापा जा रहा है वही उक्त वन माफिया के विरुद्ध कोई कार्यवाही भी अभी तक नहीं हुई है जागरूक व्यक्ति व ग्रामीणों द्वारा जब इसकी सूचना मीडिया को दी गई तो मौके की नजाकत को देखते हुए वन विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी द्वारा मौके का जायजा लेने भेजा गया।
कभी-कभी अखबारों में मामला उछलने पर अपना दामन बचाने के लिए जुर्माना नाम की औषधि का प्रयोग लकड्कट्टो पर किया जाता रहा ताकि इनवन कर्मियों पर कोई सवालिया निशान न लगे और यह धड़ल्ले से प्रतिबंधित पेड़ों का कटान करवाते रहे।
अवैध कटान पर क्या बोले जिम्मेदार…
इस बाबत में जब किशन लाल से जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि पेड़ जो काटे गए हैं उनमें प्रतिबंधित लकड़ी नहीं है अगर प्रतिबंधित पेड़ों का कटान हुआ है तो इस मामले की जांच कराई जायेगी। अगर कोई अवैध कटान में लिप्त पाया जाता है तो कार्रवाई होगी अन्त में बताया कि फिलहाल यह मेरा हल्का क्षेत्र नही है आप डिप्टी रेंजर अखिलेश शर्मा जी से वार्ता कीजिए आप नम्बर लीजिए: किशन लाल, वन रेंज धौरहरा।
कटान मामले को लेकर जब क्षेत्रीय डिप्टी रेंजर अखिलेश शर्मा से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि कहां पर पेड़ों की कटान हो रहा है यह बात उनके संज्ञान में नहीं है। मुझे अवगत कराएं और मुझे प्रतिबंधित पेड़ों की जड़ों व अन्य जानकारी फोटो सहित वीडियो क्लिप भेजिए मेरे वाट्सऐप पर रिपोर्टर द्वारा पूरी जानकारी डिप्टी रेंजर अखिलेश शर्मा के वाट्सऐप नम्बर पर भेजा गया। वीडियो क्लिप देखने के बाद महोदय ने चुप्पी साध ली काफी देर बाद बताया कि मैं मौके पर जा रहा हूं: डिप्टी रेंजर अखिलेश शर्मा धौरहरा वनरेंज।
इस बाबत मे जब दूसरे ग्रामीण व्यक्ति से पूछने पर नाम न छापने की शर्त पर दबी जुबान में बताया कि नीम, आम, शीसम, गूलर, जामुन आदि पेड़ों को काटा गया है, खेत मालिक का नाम मुबारक पूर्व प्रधान सिसैयाकला है, एक एकड़ जमीन पर जंगल लगा हुआ था जिसमें सेमल, बेर, औरगूलर, नीम के लगभग 10 पेड़, जामुन के 15 पेड़,आम के 7 पेड़ों के साथ अन्य पेड़ों का कटान हुआ है जिसमें एक नीम का पेड़ कटा पड़ा है: स्थानीय ग्रामीण सिसैयाकलां।
इस बाबत में जब स्थानीय ग्रामीणों से कटान मामले में पूछा गया तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर दबी जुबान में बताया कि पूर्व प्रधान सिसैयाकला के एक एकड़ भूमि के जंगल में नीम,गूलर, जामुन व आम व बेर व सेमल एक एकड़ में लगा हुआ था जितनी कटी जड़ों में नीम,आम,गूलर व जामुन काटे गए हैं मुझे टैक्टर से लदा हुआ पटियाला मिला था जो बाम ठेकेदार निवासी काजीपुर द्वारा काटा गया हैं गत दिनों पूर्व धौरहरा रेंजर ने प्रतिबंधित पेड़ों के कटान मामले में डीसीएम सहित लकड़ी पकड़ी गई थी धौरहरा रेंज में इस समय धड़ल्ले से काटे जा रहे हैं पेड़: स्थानीय ग्रामीण सिसैयाकलां।
इस बाबत मे जब डिप्टी रेंजर अखिलेश शर्मा से जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि श्रीमान जी मुबारक पुत्र भिखारी पूर्व प्रधान सिसैयाकला की बाग के कटान की जांच मैं तीन बार कर चुका हूं आप अपना विभाग को लिखकर दीजिए और जांच कराइए फिलहाल मेरी जांच में जिन पेड़ों का परमिट नही बनता है उन्हीं प्रजाति पेड़ों का कटान हुआ है नीम के पेड़ों पर पूछने पर उन्होंने बताया कि नीम के पेड़ पर सेमल गिरने से नीम टूट गई वह पेड़ वही पड़ा हुआ है फिलहाल प्रतिबंधित पेड़ों का कटान नही हुआ है आप सीबीआई जांच करा लीजिए या फिर बड़े से बड़े अधिकारियों से जांच करा लीजिए धन्यवाद: डिप्टी रेंजर अखिलेश शर्मा वनरेंज धौरहरा-खीरी।
इस बाबत में जब रेंजर आरिफ जमाल खा को फोन मिलाया गया किन्तु उनका फोन नं लग पाने के कारण उनके पक्ष की जानकारी न मिल सकी। फिलहाल बात होती भी तो अपना पुराना रटा रटाया बयान में बताते कि मामला संज्ञान में आया है जांच कर कार्रवाई होगी और ठण्डे बस्ते में जांच पड़ताल डाल दी जाती।
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