अबरार अली, ब्यूरो चीफ, सिद्धार्थ नगर (यूपी), NIT:
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयान कि उनके सामने भी योगी जी की फाइल आई थी लेकिन उन्होंने अधिकारियों से एफआईआर दर्ज न करने और मामलों को बन्द कर देने का निर्देश दिया था, सपा और भाजपा के बीच गुप्त समझौते को प्रमाणित करता है. अखिलेश यादव और इससे पहले उनके पिता मुलायम सिंह यादव जी ने हमेशा योगी को बढ़ावा दिया ताकि मुसलमान डर के कारण सपा को वोट देते रहें. यह बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस के ज़िला/शहर अध्यक्ष डॉक्टर नादिर सलाम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही.
नादिर सलाम ने कहा कि अखिलेश यादव के इस बयान से मुसलमानों को समझ लेना चाहिए कि सपा और अखिलेश यादव के सहयोग के चलते ही आज योगी जी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. अगर उन्होंने राजधर्म निभाया होता तो आज योगी जी दंगों और भड़काऊ भाषणों के मुकदमों में जेल में होते.
नादिर सलाम ने कहा कि 27 जनवरी 2007 को योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर विधायक राधामोहन दास अग्रवाल और गोरखपुर की मेयर अंजू चैधरी की मौजूदगी में हिंसा फैलाने वाला भाषण देते हुए ऐलान किया कि वो ताजिया नहीं उठने देंगे और खून की होली खेलेंगे. जिसके लिए उन्होंने आस-पास के जिलों में भी अपने लोगों को कह दिया है. इसके बाद गोरखपुर, देवरिया, पडरौना, महाराजगंज, बस्ती, संत कबीरनगर और सिद्धार्थनगर में योगी के कहे अनुसार ही मुस्लिम विरोधी हिंसा हुई. उस समय की मायावती सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. बहुत मुश्किल से न्यायालय के ज़रिए मुकदमा दर्ज हो पाया लेकिन 2012 से 2017 तक अखिलेश यादव जी की सरकार ने सीबी सीआईडी जाँच की अनुमति ही नहीं दी.
नादिर सलाम ने कहा कि इसी तरह देवरिया के मोहन मुंडेरा कांड जिसमें योगी जी के भाषण के बाद 76 मुस्लिमों के घर जला दिए गए थे, की भी जाँच सपा सरकार ने नहीं होने दी. यहाँ तक कि पचरुखीया कांड जिसमें योगी आदित्यनाथ के गुंडों ने तत्कालीन सपा नेत्री तलत अजीज के सुरक्षाकर्मी सत्य प्रकाश यादव की हत्या कर दी थी, उसमें भी सपा सरकार ने ठीक से जाँच नहीं होने दी और योगी को बचा लिया. कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर अखिलेश यादव ने योगी के खिलाफ़ अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी निभाई होती तो आज योगी जेल में होते.
उन्होंने कहा कि मुसलमानों को यह भी समझना होगा कि जब तक वो सपा को वोट देते रहेंगे भाजपा को हराना नामुमकिन है. क्योंकि उनके सपा को वोट करने के कारण ही न चाहते हुए भी गैर सपाई पिछड़ों, अतिपिछड़ों, दलितों और सवर्णो का बड़ा हिस्सा भाजपा को वोट करता है. यही भाजपा की ताक़त का राज है. उन्होंने कहा कि मतदान के इस पैटर्न के कारण ही बहुत सी जातियाँ न चाहते हुए भी भाजपा की मुस्लिम विरोधी राजनीति का वाहक हो जाती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि मुसलमानों के 20 प्रतिशत वोट के कारण ही 5 प्रतिशत आबादी वाली एक तबके की गुंडागर्दी उन्हें झेलनी पड़ती है जो न सिर्फ़ अन्य पिछड़ों का हिस्सा खा जाती हैं बल्कि दलित और कमज़ोर तबकों पर जुल्म भी करती हैं.
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