नरेंद्र कुमार, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे के दिवंगत पुत्र निखिल खडसे की मौत को लेकर मंत्री गिरीश महाजन द्वारा दिया गया बयान अशोभनीय और निंदाजनक है। इस बयान को लेकर समाज में तीव्र असंतोष व्यक्त किया जा रहा है। खडसे की बदनामी करने के लिए महाजन ने ऐसा बयान दिया है। जब से सूबे में ED सरकार (Eknath Devendra) आई है तब से सरकार में शामिल मंत्री अनर्गल बयानबाजी कर मूल समस्याओं से जनता का ध्यान भटकाने में जुटे हुए हैं, ऐसा प्रहार NCP नेता संजय गरुड़ ने किया है। गरुड़ ने कहा कि महाजन को ग्रामविकास जैसा मंत्रालय मिला है बावजूद इसके जामनेर तहसील क्षेत्र के सैकड़ों गांवों में बीते 30 वर्षों से बुनियादी सुविधाओं का अभाव दूर नहीं हो सका है। उनके पांच साल सिंचाई मंत्री रहते हुए भी क्षेत्र का कोई विकास नहीं किया गया। खडसे के दिवंगत पुत्र को लेकर महाजन द्वारा दिए गए बयान का हम लोग निषेध करते हैं.
बंजारा समाज की ओर से आत्माराम जाधव ने कहा कि हाल में NCP के NT/VJNT संमेलन में खडसे द्वारा बंजारा समाज को लेकर की गई टिप्पणी का गलत मतलब निकालकर भाजपा ने अपने लाभधरक रहे कुछ बंजारा समाज तत्वों के माध्यम से खडसे के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने की कोशिश की जिसके बाद खडसे ने अपना बयान वापस भी लिया लेकिन बीते साल 15 फरवरी को आयोजित संत सेवालाल जी महाराज की जयंती पर गिरीश महाजन ने तमाम राष्ट्रपुरुषों के जयंती उत्सवों मे शामिल होने वाले युवाओं तथा समाज घटकों को नशेड़ी करार देकर जयंती उत्सवों की पवित्रता पर हमला बोला था। महाजन को इस बात को लेकर माफी मांगनी चाहिए। उक्त विषयों को लेकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया है। इस मौके पर वी पी पाटील, किशोर पाटील, विलास राजपूत, संतोष झालटे, राजेश नाईक, मूलचंद नाईक समेत मान्यवर मौजूद रहे। जलगांव जिला नियोजन कमेटी की बैठक के बाद खडसे के परिवारवाद वाले बयान पर कटाक्ष करते हुए मंत्री गिरीश महाजन ने खडसे के पुत्र निखिल खडसे की अकस्मात मृत्यु को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे जिसके बाद महाजन के बयान को लेकर आम जनता मे भी स्पष्ट रूप से नाराजगी देखी गई। विदित हो कि राज्य में सत्तापक्ष शिंदे फडणवीस सरकार के मंत्रियों और राज्यपाल द्वारा हर रोज किसी न किसी बहाने से मीडिया में आपत्तीजनक बयान दिए जा रहे हैं। शिंदे फडणवीस सरकार द्वारा जिन मंत्रियों की सुरक्षा बधाई गई है उन्हीं मंत्रियों द्वारा ऐसे बयानों को जानबूझकर बढ़ावा दिया जा रहा है जिसके चलते इन बयानों के मुखालिफत में विपक्ष की ओर से प्रतिदिन आंदोलन किए जा रहे हैं।
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