मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
नागरिकों को सस्ता सुंदर और सुलभ न्याय उपलब्ध कराने की शासन की मंशा को ध्यान में रखते हुए नेशनल लोक अदालतों का आयोजन किए जाने की परंपरा है। नेशनल लोक अदालतों को सफल बनाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बुरहानपुर के सचिव एवं विधिक सेवा अधिकारी कई दिन पूर्व से प्रधान न्यायाधीश एवं अध्यक्ष के नेतृत्व में तैयारी करके पैरा लीगल वॉलिंटियर्स सहित सभी विभागों की प्रमुखों के सहयोग से नेशनल लोक अदालत का आयोजन कर लक्ष्य को प्राप्त किया जाता है। गत शनिवार को भी लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस नेशनल लोक अदालत में नवागत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय श्रीमान धरमिंदर सिंह राठौड़ साहब का बुरहानपुर सिविल जिले में यह पहला लोक अदालत का अवसर होकर उनके नेतृत्व व मार्गदर्शन में सफल लोक अदालत का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव जिला न्यायाधीश श्री आशुतोष शुक्ल द्वारा किया गया, जिसकी सर्वत्र प्रशंसा की जा रही है। ज्ञात हो कि बुरहानपुर ज़िला न्यायालय में स्थित कुटुंब न्यायालय (फैमिली कोर्ट)के प्रधान न्यायाधीश श्री मोहन पी तिवारी के सेवानिवृत्त होने के कारण उक्त कोर्ट में कोई जज नहीं होने से उक्त कोर्ट का प्रभार भी श्री प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय के जिम्मे होकर उनकी खंडपीठ क्रमांक 1 में सुलहकर्ता सदस्य वरिष्ट एवं प्रशिक्षित पैनल अधिवक्ता श्री अब्दुल वकील खान रहे, जिस में कुटुंब न्यायालय और जिला न्यायालय के मामलों में सुलह के जरिये राजीनामे किए जाकर बिछड़े और रूठे हुवे परिवारों को मिलाया गया तथा अनेक क्लेम और चेक़ के प्रकरणों में अनेक हितग्राहियों को लाभ प्राप्त हुआ। प्राप्त जानकारी के अनुसार नवागत पीडीजे श्री राठौड़ साहब के कुशल मात्र 13 दिवसीय कार्यकाल में लगभग 425 मामलों का लोक अदालत में निपटारा राजीनामे के जरिये हुआ, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
वहीं इस लोक अदालत के सफल आयोजन में जिला अधिवक्ता संघ बुरहानपुर के अध्यक्ष श्री यूनुस पटेल उनकी कार्यकारिणी समिति के समस्त पदाधिकारियों और सभी बार मेंबर का योगदान भी रहा है, जिसके लिए माननीय पीडीजे महोदय ने पत्र लिखकर उनका आभार और धन्यवाद प्रकट किया है। जानकारी के अनुसार ऐसा पत्र, पहली बार ही किसी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा बार अध्यक्ष और बार मेंबर्स के लिए लिखा गया है जो बुरहानपुर जिला अधिवक्ता संघ के लिए एक बहुत ही बड़ी उपलब्धि होकर गर्व का विषय माना जा रहा है।
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