अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:
प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए छात्रों का राजधानी भोपाल के नीलम पार्क में छात्र संगठन एआईडीएसओ के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुआ। विभिन्न जिलों से आए छात्रों ने जन गीतों के माध्यम से प्रदर्शन की शुरुआत की। प्रदर्शन में शामिल छात्रों को अखिल भारतीय सचिव मंडल सदस्य प्रशांत कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का गठन जिस उद्देश्य से किया जाता है कि जनता के टैक्स के पैसों से शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली पानी इत्यादि मूलभूत सुविधा हर एक नागरिक को मिलना सुनिश्चित करेगी। लेकिन हम देख रहें है कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए एक तरफ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग पर टैक्स का बोझ बढ़ा रही है वही सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण किया जा रहा है। शिक्षा भी इस से वंचित नही है। नई शिक्षा नीति 2020 शिक्षा के ओर भी अधिक निजीकरण, क्रेंद्रीयकरण का प्रारूप मात्र है। जिसका शिक्षा ओर भी अधिक महंगी और आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएगी। देश भर में 150 दिनों तक 1 करोड़ हस्ताक्षर अभियान चलाया गया और आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए देशभर में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खिलाफ 1 लाख सार्वजनिक शिक्षा बचाओ संघर्ष समितियां और 25 लाख वालंटियर बनाये जाएंगे।
राज्य अध्यक्ष अजीत सिंह पवार ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि सार्वजनिक शिक्षा को बचाने के लिए नई शिक्षा नीति 2020 को हटाना जरूरी है। स्कूल बंद करना सरकार का काम नहीं बल्कि छात्र संख्या के अनुरूप नए स्कूल ,कॉलेज होस्टल खोलना सरकार की जिम्मेदारी है।लेकिन सरकार शराब सस्ती कर रही है और शिक्षा को महँगा किया जा रहा है।नई शिक्षा नीति के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से प्रदेश की लाखों जनता तक सच्चाई को ले कर गए, और जनता का पुरजोर समर्थन मिला है। इस जन समर्थन को समितियों के माध्यम से सार्वजनिक शिक्षा बचाओ आंदोलन को मजबूत करते हुए नई शिक्षा नीति के खिलाफ प्रदेश आंदोलन को मजबूत करने की अपील की।
कार्यक्रम में विभिन्न जिलों में चल रहे आंदोलन के चित्रों की प्रदर्शनी का उद्घाटन अखिल भारतीय उपाध्यक्ष मुदित भटनागर ने किया। कार्यक्रम का संचालन राज्य सचिव श्रुति शिवहरे ने किया। जनभेदी नारों के साथ में प्रदर्शन की कार्यवाही समाप्त हुई।
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