रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
तहसील रामा जिला झाबुआ में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त समन्वय से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ के द्वारा जनपद पंचायत रामा के सभा कक्ष में महिलाओं के लिए विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमान मोहम्मद सैय्युदल अबरार के मार्गदर्शन एवं प्राधिकरण के सचिव एवं जिला न्यायाधीश श्रीमान लीलाधर सोलंकी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
शिविर में ग्रामीण क्षेत्र की जमीनी स्तर से जुड़ी हुई 60 महिलाओं ने भाग लिया. सभी महिलाओं को शिविर प्रारंभ होने से पहले प्लास्टिक फोल्डर, राईटिंग पैड, पेन एवं प्राधिकरण के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से संबंधित पम्पलेट वितरण कर उनका पंजीयन किया गया।
कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश श्रीमान लीलाधर सोलंकी ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान दौर महिला सशक्तिकरण का दौर है, आज महिलाऐं आंगन से लेकर अंतरिक्ष तक पहुंच गई हैं लेकिन फिर भी कुछ क्षेत्रों में महिलाओं की हालत दयनीय बनी हुई है।इसलिए महिलाओं को समाज में और भी सशक्त बनाने के लिए समय पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ के द्वारा महिलाओं के लिए शिविर आयोजित किये जाते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि पति-पत्नी के आपसी विवाद को थाना में रजिस्टर करने के पहले जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को सूचित करें, जिसमें मध्यस्थता केन्द्र में प्रशिक्षित मध्यस्थ अथवा न्यायाधीश या अधिवक्ता के माध्यम से समझौता कराया जाता है, जिससे की छोटी सी गलतफहमी के कारण कोई परिवार टूटने से बच जाए। उन्होंने कहा कि महिलाऐं शिक्षित होंगी तो ग्रामीण क्षेत्रों में व्याप्त कई समस्याऐं स्वतः समाप्त हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को विधिक रूप से शिक्षित करने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ के द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित करके महिलाओं को सशक्त बनाने का काम किया जा रहा है।
महिलाओं के लिए बनाए गए कई कानूनों पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए कहा कि जब भी किसी महिला को किसी प्रकार की निःशुल्क विधिक सहायता की आवश्यकता हो तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ या तहसील विधिक सेवा समिति थांदला/पेटलावद में आकर जानकारी प्राप्त कर सकते है। इसके लिए महिलाओं को और किसी पात्रता की आवश्यकता नहीं है।
शिविर में रिसोर्स पर्सन श्रीमती जाया झाला ने उपस्थित महिलाओं को जानकारियां प्रदान करते हुए बताया कि घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, महिलाओं को हिंसा से मुक्त जीवन जीने का अधिकार देता है तथा अधिकारों की रक्षा करता है।
दहेज प्रतिषेध अधिनियम की विधिक जानकारियां देते हुए बताया कि दहेज लेना या देना अपराध है कोई भी व्यक्ति जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से माता-पिता या अन्य रिश्तेदारों किसी से भी दहेज की मांग करता है तो उसे कारावास की सजा हो सकती है।
श्रीमती झाला द्वारा बताया गया कि पति अथवा रिश्तेदारों के द्वारा अपमान अनादर गाली-गलौज मारपीट करना चोट पहुंचाना घर से निकालना। दहेज के लिए बार-बार तंग करना। घरेलू हिंसा का रूप होता है।
इसके आप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ में आवेदन दे सकते है। नजदीकी थाने संपर्क कर सकतें है। संबोधन के क्रम में रिसोर्स पर्सन सुश्री प्रतिभा सोनी ने शिविर के माध्यम से महिलाओं को संपत्ति का अधिकार, यौन हिंसा, घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओें के लिए उपलब्ध कानूनी प्रावधान, बाल विवाह से बचाव, कन्या भू्रण हत्या, एसिड हमला, यौन उत्पीड़न, पीड़ित प्रतिकर योजना आदि से संबंधित विषयों के बारे में जानकारी दी गई।
सुश्री सोनी ने बताया कि महिलाओं के कानूनी अधिकार के प्रति महिला हो ही सजग रहना होगा। उन्होंने महिलाओं के कानूनी अधिकार जैसे कन्या भू्रण हत्या के खिलाफ अधिकार, कामकाजी महिलाओं को मातृत्व संबंधी अधिकारी, पति अथवा रिश्तेदार के खिलाफ घरेलू हिंसा से सुरक्षा का अधिकार, कार्यस्थल पर छेड़छाड़ यौन उत्पीड़न से संरक्षण का अधिकार, पुरूषों के समान पारिश्रमिक का अधिकार पर विस्तार पूर्वक चर्चा कि। शिविर में उप निरीक्षक पुलिस थाना कालीदेवी श्रीमती अनिता तोमर ने महिलाओं की सुरक्षा क संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समाज या अन्य स्थान पर महिलाओं व छात्राओं के शोषण तथा छेड़छानी आदि से संबंधित मामले प्रकाश में आऐ तो तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दे या 100 नंबर पर फोन करें।
शिकायत करने वाली महिला या छात्राओं को नाम गोपनीय रखा जाएगा। शिविर में उपस्थित महिलाओं के प्रश्नों का उत्तर सरल शब्दों में बताया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री सुनील कुमार तिवारी ने किया तथा आभार एवं धन्यवाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रामा श्रीमान वीरेन्द्र सिंह रावत ने माना। उक्त शिविर में जनपद पंचायत अध्यक्ष रामा श्रीमति रूपा रमेश मेडा, पंचायत समन्वयक बाबुलाल बारिया एवं महिलाऐं उपस्थित रहीं।
शिविर में उपस्थित सभी महिलाओं एवं मंचासीन अधिकारियों के लिए स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई थी।
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