सरवर खान ज़रीवाला, भोपाल, NIT;
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही हैं। मुश्किलें हैं कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। ईओडब्ल्यू में पहले तो निजी कॉलेजों में लाभ पहुंचाने का भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था, जिसकी जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है कि अब ईओडब्ल्यू दिग्गी राजा से और मामले में पूछताछ करने वाली है। मामला आज से 15 साल पुराना ही है।यह मामला वर्ष 2004 में मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक केंद्र विकास निगम (एमपीएसआईडीसी) में हुए घोटाले का है।
बुधवार को ईओडब्ल्यू द्वारा एक नोटिस जारी किया गया है, जिसमें ईओडब्ल्यू ने दिग्विजय सिंह को आगामी 16 जनवरी को आकर अपना बयान दर्ज करवाने की बात कहीं है।
जानकारी के अनुसार इसमें निगम के तत्कालीन अध्यक्ष, संचालक मंडल, प्रबंध संचालक और अन्य अधिकारियों पर 42 डिफॉल्टर कंपनियों के संचालकों से सांठ-गांठकर उन्हें अवैध रूप से 719 करोड़ का लोन बांटने का आरोप है, जिसकी जांच ईओडब्ल्यू कर रही है। सूत्रों के अनुसार ईओडब्ल्यू ने दिग्विजय सिंह को साल 1995 से लेकर 2003 तक के मुख्यमंत्री काल में हुए करोड़ों के घोटाले के मामले में पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है।
आपको बता दें की अभी हाल ही में बीते दो सितंबर को ही निजी कॉलेजों को लाभ पहुंचाने के मामले में ईओडब्ल्यू ने इस घोटाले में शामिल आधा दर्जन अधिकारियों (तत्कालीन) के खिलाफ चालान पेश किया था। इसमें सोम ग्रुप के मालिक जगदीश अरोरा उनके भाई अजय अरोरा, एमपीएसआईडीसी तत्कालीन संचालक आरपी शर्मा, अध्यक्ष नरेंद्र नाहटा, तत्कालीन संचालक अजय आचार्य, तत्कालीन प्रबंध संचालक एमपी राजन शामिल थे।
सरवर खान जरीवाला
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