भाजपा के पूर्व विधायक खब्बू तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, एमपी एमएलए कोर्ट से मिली सजा को किया स्थगित, 11 माह बाद रिहाई का रास्ता हुआ साफ | New India Times

गणेश मौर्या, अयोध्या/लखनऊ (यूपी), NIT:

भाजपा के पूर्व विधायक खब्बू तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, एमपी एमएलए कोर्ट से मिली सजा को किया स्थगित, 11 माह बाद रिहाई का रास्ता हुआ साफ | New India Times

30 साल पहले साकेत महाविद्यालय में अंक पत्रों में हेराफेरी करके अगली कक्षा में प्रवेश लेने के मामले में 5 साल की सजा प्राप्त भाजपा के पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए सजा को स्थगित कर जमानत को मंजूर करने का आदेश पारित किया है। इससे पूर्व विधायक की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।
बताते चलें कि 18 अक्टूबर 2021 को मामले में एमपी एमएलए कोर्ट से सजा मिलने के बाद पूर्व विधायक जेल में निरूद्ध है।
यह मामला अयोध्या जनपद के थाना राम जन्मभूमि का वर्ष 1992 का है । अभियोजन पक्ष के मुताबिक 14 फरवरी 1992 में  का सु साकेत  महाविद्यालय अयोध्या में फर्जी अंक पत्रों के आधार पर  पिछले वर्षों में प्रवेश प्राप्त करने का मामला प्रकाश में आया था जिनमें फूलचंद यादव ने बीएससी भाग 1 परीक्षा 1986 में अनुत्तीर्ण रहने और बैक पेपर परीक्षा के उपरांत भी बीएससी भाग 2 में प्रवेश पाने के योग्य नहीं थे परंतु विश्वविद्यालय द्वारा निर्गत बैक  पेपर परीक्षा फल पत्रक पर हेरफेर कर धोखाधड़ी और षड्यंत्र  के आधार पर उत्तीर्ण  होने का अंक पत्र प्राप्त कर लिया था। इसी प्रकार इंद्र प्रताप तिवारी ने बीएससी सेकंड वर्ष  परीक्षा 1990 में अनुत्तीर्ण होने के बावजूद बीएससी तृतीय वर्ष तथा कृपा निधान  तिवारी ने प्रथम वर्ष 1989 में एल एल बी प्रथम वर्ष में  अनुत्तीर्ण होने के बावजूद छल कपट कर एलएलबी द्वितीय वर्ष में प्रवेश प्राप्त कर लिया था। साकेत महाविद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य यदुवंश राम त्रिपाठी के संज्ञान में यह मामला आया तब 18 फरवरी 1992 को उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिलकर इन तीनों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए तहरीर दिया था जिसे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने थाना राम जन्मभूमि को मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्यवाही का आदेश दिया। इसी के साथ इंद्र प्रताप तिवारी व छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फूलचंद यादव चाणक्य परिषद के अध्यक्ष कृपा निधान तिवारी के विरुद्ध 24/ 1992 अंतर्गत धारा 420  467 468 471 के तहत दर्ज किया गया।  मामले के विवेचक ने विवेचना के पश्चात तीनों के खिलाफ आरोप पत्र संबंधित अदालत में प्रस्तुत किया था । अदालत में सुनवाई के दौरान महाविद्यालय के तीन कर्मचारियों महेंद्र कुमार अग्रवाल सहित कई गवाह संबंधित एमपी / एमएलए कोर्ट में साक्ष्य के रूप में पेश हुए। वादी एवं गवाहों के बयान के आधार पर एमपी  / एमएलए कोर्ट की तत्कालीन विशेष न्यायाधीश पूजा सिंह ने मामले में भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू  छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष व सपा नेता फूलचंद यादव तथा चाणक्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृपा निधान  तिवारी पर सोमवार को दोष सिद्ध किया था। इसी के बाद इन तीनों को 420 में 3 साल की सजा और 6 हजार  जुर्माना 468 में 5 साल की सजा और 8 हजार  जुर्माना तथा 471 में 2 साल की सजा और 5 हजार  जुर्माना से दंडित किया था और यह भी आदेश किया था कि तीनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। सजा सुनाने के बाद तीनों अभियुक्तों को अयोध्या मंडल कारागार भेज दिया गया था। तब से भाजपा के पूर्व विधायक जेल में निरूद्ध रहे।  हाईकोर्ट लखनऊ बेंच से भी जमानत निरस्त हो गई थी। जबकि इनके दो साथी छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फूलचंद यादव व चाणक्य परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक कृपा निधान तिवारी की हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहाई हो गई थी। पूर्व विधायक खब्बू तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से उनके समर्थकों में खुशी का माहौल हो गया और वह काफी उत्साहित हैं।


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By nit

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