राहुल यादव, लखनऊ, NIT; योगी सरकार में जहाँ अपराध का ग्राफ बढता जा रहा है वहीं बीजेपी नेता अपने रसूख का इस्तेमाल गलत कामों में करने से बाज नहीं आ रहे हैं, जिस कारण कानून व्यवस्था और चरमरा गई है। इनके रसूख के आगे सारे नियम व कानून बौने साबित हो रहे हैं। इस का ताजा उदाहरण भदोही जिला के गोपीगंज में सामने आया है।
मिली जानकारी के मुताबिक़ भदोही जिला के गोपीगंज में गुप्ता हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर नाम से एक प्राइवेट हॉस्पिटल संचालित है। जिसके खिलाफ स्वास्थय विभाग को शिकायत की गई थी कि यह अस्पताल गैरकानूनी है जो बिना पंजीकरण के चल रहा है।
GRS पर क0स0/40019817001037एवं 40019817001038 दिनांक 30/06/2017 को जाँच हेतु प्रेषित किया गया था। जिस पर CMO भदोही डा0 सतीश सिंह के निर्देश पर संयुक्त जांच कमेटी बनाकर जांच की गयी और जांच में गुप्ता हॉस्पिटल एणड ट्रामा सेंटर गोपीगंज में भारी खामिया पायी गईं एवं कोई भी अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया और जाँच में सभी आरोप सत्य निकले जिसके बाद मुख़्य चिकित्सा अधिकारी भदोही ने अस्पताल सील करने के निर्देश दिए।पतांक हॉस्पिटल /जाँच/सील/2017/18/ दिनांक 07/07/2017 के क्रम उक्त प्राइवेट हॉस्पिटल पर इंडियन मेडिकल एक्ट 1950 धारा 15(2)15(3) एवं भारतीय दन्ड सहिंता की धारा 175,176, 419, 420 के अंतर्गत FIR दर्ज़ करने के साथ मकान को भी सील कर दिया जाए। डाॅ आशुतोष पाण्डेय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपीगंज को आदेश किया गया पर कोई करवाई नहीं की गई। यह आदेश भदोही CMO का एक दिखावा बन के रह गया है।
जब NIT संवाददाता ने इस बारे में CMO भदोही से पूछा की आप के आदेश पर कोई कारवाई क्यू नहीं की गयी? तो CMO जी का जवाब था कि राजनितिक बहुत दबाव आ रहा है।
अब सव यह उठता है कि क्या इसी प्रकार स्वस्थ्य विभाग भदोही राजनेताओं के दबाव में कानून को ताख पर रख के कार्य करेगा या कानून के दायरे में रहकर? पिछले लगभग 20 दिनों आज तक कोई कारवाई नहीं की गयी है। क्या इसी तरह कानून का पालन नहीं करेंगे भदोही के स्वास्थ्य अधिकारी???
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