जितेंद्र वर्मा, हरदा ( मप्र ), NIT; बलिदान के बाद चन्द्रशेखर आजाद ने वीरता की नई परिभाषा लिखी बच्चों को स्कूल में चंद्रशेखर आजाद की जीवनी पढ़ाना चाहिए। आजाद हूं आजाद रहूंगा को मानने वाले शहीद चंद्रशेखर आजाद के जन्मदिन पर रविवार शाम को जैसानी चौक पर जमना जैसानी फाउंडेशन के सदस्यों ने छोटे बच्चों के साथ आजाद के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं केक काटकर जन्मदिन मनाया। फाउंडेशन के सदस्य शान्तिकुमार जैसानी ने कहा कि भारत माता के सच्चे सपूत चंद्रशेखर आजाद थे। जैसानी ने चंद्रशेखर आजाद की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हर बच्चे एवं युवा को चंद्रशेखर आजाद के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बलिदान के बाद चन्द्रशेखर आजाद ने वीरता की नई परिभाषा लिखी थी। उनके बलिदान के बाद उनके द्वारा प्रारम्भ किया गया आन्दोलन और तेज हो गया। उनसे प्रेरणा लेकर हजारों युवक स्वतन्त्रता आन्दोलन में कूद पड़े। आजाद की शहादत के करीब सोलह साल बाद भारत की संपूर्ण आजादी का उनका सपना पूरा तो हुआ लेकिन वे उसे जीते जी देख न सके। सभी उन्हें पण्डित जी ही कहकर सम्बोधित किया करते थे। आजाद ने कहा था कि दुश्मन की गोली का सामना हम करेंगे, आजाद हैं, आजाद रहेंगे।
जैसानी ने कहा कि बच्चों को स्कूल में चंद्रशेखर आजाद की जीवनी पढ़ाना चाहिए जिससे आने वाली युवा पीढ़ी हमारे देश को आजादी की क्रान्ति की जोत जलाने वाले इस वीर शहीद को हमेशा याद रखे। इस मौके पर मानसी शुक्ला, कृष्णा पटेल, पीहू धनगर, आयूष चंद्रवंशी, सुदीप मंडलोई, गणेश जोशी, हर्ष चंद्रवंशी, कुणाल विश्नोई, अनिल वैद्य, योगानंद राजपूत, अमन बेड़ा, गोपाल शुक्ला, तनिष्क टांक, शुभम सूरमा, अचल गुहा, पुष्कल मोरी,सौरव काशिव, राजेश शर्मा, ज्ञानेश तिवारी, ललित शास्त्री आदि मौजूद रहे।
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