Edited by Sabir Khan;
एडीए उममीदवार रामनाथ कोविंद ने राष्ट्पति चुनाव में यूपीए उममीदवार मीरा कुमार को शिकस्त दे दी है। वह देश के 14वें राष्ट्रपति होंगे। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को सात लाख दो हजार 644 वोट मिले हैं, जबकि मीरा कुमार को तीन लाख 66 हजार 31 वोट मिले हैं। रामनाथ कोविंद को 65.35 % वोट मिले, वही मीरा कुमार को 34.35 % वोट मिले हैं।सोमवार 17 जुलाई को देश के 32 मतगणना स्थलों पर राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी। गुरुवार को सबसे पहले संसद में हुए मतदान की पेटी खोली गई। उसके बाद आंध्र प्रदेश और असम की मतपेटियां खोली गईं। राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के रामनाथ कोविंद और कांग्रेस की मीरा कुमार के बीच मुकाबला था।
कुछ जानकारी मीरा कुमार के बारे में….
यूपीए ने राष्ट्रपति पद के लिए मीरा कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया था। 72 साल की मीरा कुमार बिहार के सासाराम की रहने वालीं हैं। मीरा कुमार बड़े दलित नेता और देश के भूतपूर्व रक्षा मंत्री जगजीवन राम की बेटी हैं। राजनीति में कदम रखने से पहले वो विदेश सेवा की अधिकारी भी रह चुकी हैं। साल 1970 में उनका चयन भारतीय विदेश सेवा के लिए हुआ। इसके बाद उन्होंने कई देशों में अपनी सेवाएं दीं।
मीरा कुमार 2009 से 2014 के बीच लोकसभा की स्पीकर रही हैं। वह लोकसभा की पहली महिला स्पीकर के रूप में 3 जून 2009 को निर्विरोध चुनी गयी थीं। मीरा कुमार पेशे से वकील भी रही हैं। मनमोहन सिंह की सरकार में यूपीए 1 के दौरान में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रह चुकी हैं।
8वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश के बिजनौर से पहली बार जीत हासिल करने वाली मीरा कुमार लगातार पांच बार सांसद रहीं हैं। मीरा कुमार ने अपने पहले ही चुनाव में दिग्गज दलित नेता रामविलास पासवान और बीएसपी प्रमुख मायावती को हराया था।
साल 2014 के चुनाव में उन्हें मोदी लहर का सामना करना पड़ा। मीरा कुमार को बिहार की सासाराम सीट से भाजपा के छेदी पासवान के सामने हार का सामना करना पड़ा। वे तीन बार दिल्ली की करोलबाग सीट से भी सांसद रह चुकी हैं।
कुछ जानकारी एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के बारे में…..
राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने से पहले रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल पद पर थे। कोविंद राष्ट्रपति भवन में प्रणव मुखर्जी की जगह लेंगे। मौजूदा राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है।इसके अगले दिन कोविंद राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
- रामनाथ कोविंद के बारे में कुछ ख़ास बाते:-
रामनाथ कोविंद के आर नारायणन के बाद भारत के दूसरे दलित राष्ट्रपति होंगे। 1 अक्टूबर, 1945 को कोविंद का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुआ था। क़ानून की पढ़ाई के बाद कोविंद यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली आ गए। यूपीएससी में चुने जाने के बावजूद उन्होंने सिविल सेवा ज्वॉयन नहीं की और वकालत की प्रैक्टिस करने लगे। 1991 में वे भारतीय जनता पार्टी से जुड़े और महज तीन साल बाद उन्हें राज्य सभा की सदस्यता मिल गई। 2006 तक वे लगातार दो बार राज्यसभा के सांसद रहे। 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार के आने के बाद कोविंद को बिहार का गर्वनर नियुक्त किया गया। 1998 से 2002 तक के बीच कोविंद बीजेपी के अनुसूचित जाति मोर्चे के अध्यक्ष के तौर पर काम कर चुके हैं।
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