अशफाक कायमखानी, ब्यूरो चीफ, जयपुर (राजस्थान), NIT:
आल इण्डिया इतेहादूल मुस्लेमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन ओवेसी 31 मई को जयपुर आकर प्रदेश कार्यालय की विधिवत शुरुआत करके प्रदेश संगठन की घोषणा कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि टेक्निकल प्राब्लम के चलते राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के प्रदेश अध्यक्ष बनने को कुछ समय के लिये रोका गया है लेकिन उनकी जगह कुछ माह के लिये उनके नजदीकी व्यक्ति का नाम प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर तय कर लिया गया है। अधिकारी का त्याग पत्र मंजूर होने में कुछ महीने लग सकते हैं उसके बाद राजस्थान प्रशासनिक अधिकारी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे दी जायेगी।
पिछले कुछ समय से सांसद ओवेसी के बाहर होने के चलते उनके जयपुर आने का प्रोग्राम तय नहीं हो पा रहा था। अब वो स्वयं जयपुर आकर 31-मई को जयपुर में संसार चंद्र रोड़ स्थित एक भवन में कार्यालय की शुरुआत करेंगे। उसी दिन एक दफा प्रदेश संगठन की घोषणा करके राजस्थान में विधानसभा व अन्य चुनाव लड़ने की घोषणा करेंगे।
हालांकि कांग्रेस समर्थक अनेक नेतागण व कार्यकर्ता सांसद ओवेसी को भाजपा की बी टीम बताते थकते नहीं हैं। वहीं ओवेसी के साथ खासतौर पर अल्पसंख्यक समुदाय के नौजवान तबके का एक बडा हिस्सा उनसे जुड़ने को आतूर है। उनके भाषण व तर्कों से प्रभावित होकर उनकी पार्टी अनेक युवा जोईन कर सकते हैं।
जानकारी अनुसार प्रदेश की करीब 50-55 अल्पसंख्यक बहुल्य सीटों पर ओवेसी के लोगों ने सर्वे करावाया बताते हैं जहां से उनके उम्मीदवार राजनीतिक जमीन तलाशने के लिये मजबूती से चुनाव लड़ सकते हैं। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि सांसद असदुद्दीन ओवैसी से दौरे व उनकी राजनीतिक चालों पर प्रदेश के कांग्रेस जन विशेष तौर पर नजर गडाए हुये हैं। अल्पसंख्यक विधायकों में ओवेसी को लेकर काफी घबराहट नजर आ रही है। मुख्यमंत्री गहलोत की सरदारपुरा व पूर्व उप मुख्यमंत्री सचीन पायलट की टोंक सीट सहित अनेक दिग्गज नेताओं की सीट एआईएमआईएम के खास निशाने पर है जो अल्पसंख्यक मतों के बल पर चुनाव जीतकर आते हैं।
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