अलविदा जुमा, अपने गुनाहों को अलविदा कहने का जुमा: हैदर अली | New India Times

अरशद आब्दी, ब्यूरो चीफ, झांसी (यूपी), NIT:

अलविदा जुमा, अपने गुनाहों को अलविदा कहने का जुमा: हैदर अली | New India Times

हैदर अली एक्टर ने बताया कि रमजान के महीने का आखिरी जुमा अलविदा जुमा कहलाता है। यह जुमा अपने गुनाहों को अलविदा कहने का जुमा होता है। हैदर अली ने बताया कि जो लोग चोरी करते हैं, झूठ बोलते हैं, गीबत यानी पीठ पीछे बुराई करते हैं, दिल में बुग्ज़ यानी जलन रखते हैं, अपने माँ बाप की इज़्ज़त नही करते, भाई बहन का हक़ नहीं देते तो उन लोगों को ऐसे गलत कामों से तौबा करते हुए अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए। अल्लाह रहमान और रहीम है वह आपके गुनाहों को माफ कर देगा पर आप सच्चे दिल से तौबा करें। हैदर अली ने बताया कि आप दूसरों को समझाते हैं कि झूठ मत बोलो, चोरी मत करो, नमाज़ पढ़ो, कुरान शरीफ की तिलावत करो, माँ बाप की इज़्ज़त करो तो समझाने का हक़ उन्हें ही होता है जो सब अच्छे काम करते हैं। अगर आप अच्छे काम नहीं करते हैं तो पहले आप अपने आप को सुधारें फिर दूसरों को समझाएं। अलविदा जुमा में सब बुरे कामों से तौबा करके आप अल्लाह के बताए हुए रास्ते पर चलें और अपने वालदैन यानी माँ बाप की खिदमत करें तो आपको कामयाब होने से कोई रोक नहीं सकता।


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