जफर खान, अकोट/अकोला (महाराष्ट्र), NIT:
राज्य में पत्रकार संरक्षण कानून लागू होने के पश्चात भी पत्रकारों पर अत्याचार खत्म नहीं हो रहे है। आए दिन अत्याचार और ना इंसाफ़ी की खबरें पढ़ने में आती हैं. कुछ भ्रष्ट कर्मचारी व अधिकारी अपनी पद बचाने तथा अवैध धंधों का संरक्षण करने के उद्देष्य से पत्रकारों को या तो झूठे मुकदमे में फंसा देते हैं या फिर धमकी देकर उसे प्रेशाराइज किया जाता है ताकि वह खबर न लिखे तथा इन भ्रष्ट अधिकारियों का झोला भरता रहे. इसी तरह का मामला अकोट फाइल निवासी इंग्लिश भाषिक समाचार पत्र के वरिष्ठ पत्रकार अवेज़ सिद्दीकी द्वारा पिछले कई महीनों से अकोट फाइल परिसर में जारी अवैध धंधे तथा अकोट फाइल पुलिस की कार्य प्रणाली पर निर्माण हो रहे प्रश्नचिन्ह संबंधी कई खबरें प्रकाशित की थी, इसीसे बौखलाए पुलिस निरीक्षक महेंद्र कदम ने रात का मौका देखकर रिपोर्टिंग करके लौट रहे अवेज़ सिद्दीकी को अकोट फाइल ओवर ब्रिज पर अड़ाकर अभद्र व्यवहार करते हुए झूठे अपराध में फ़ंसाने की धमकी दे डाली, ताकि अकोट फाइल पुलिस स्टेशन के परिसर में जारी अवैध धंदो की खबरें प्रकाशित ना हों।
इस मामले में पीड़ित पत्रकार द्वारा पालकमंत्री, पुलिस महानिरीक्षक तथा अकोला जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत दर्ज कराकर करवाई की मांग की है. इसी बीच पत्रकार संरक्षण समिति अकोट इकाई द्वारा गृहराज्य मंत्री तथा पालकमंत्री को तहसीलदार के माध्यम से पत्र के माध्यम से पुलिस निरीक्षक महेंद्र कदम के खिलाफ जल्द से जल्द पत्रकार संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई करने की मांग की है।
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