रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के पत्र क्रमांक 716/ 21.01.22 एवं 271/ 27.01.22 के अनुसार जिले में संचालित प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में खेल सामग्री क्रय करने हेतु एसएमसी के खातों में माध्यमिक शाला हेतु 10,000 एवं प्राथमिक शाला में रुपए 5,000/ की स्वीकृति दी गई थी। खेल सामग्री के क्रय हेतु विद्यालय की शाला प्रबंधन को समिति रेट कांट्रेक्ट के आधार पर भंडार क्रय नियमों का पालन करते हुए स्थानीय परिस्थितियों में खेल उपकरणों को क्रय किए जाने थे परन्तु रसूखदारों को लाभ पहुंचाते हुए खंड स्त्रोत समन्वयक एवं जन शिक्षकों ने भ्रष्टाचार किया जिस पर पत्रकारों ने मामले को उठाया था. जिस पर जिला कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने कार्यवाही करते हुए झाबुआ विकास खंड में पदस्थ बी आर सी देवीसिंह जामुनिया एवं विकास खंड थांदला के बी आर सी राम बिहारी रामपुरिया व जनपद शिक्षा केंद्र पेटलावद के दो जन शिक्षक विजय कुमार बारिया व सुनील कुमार गुप्ता, झाबुआ के दो जन शिक्षक अमरसिंह बारिया व मुकामसिंह बघेल एवं जनपद शिक्षा केंद्र मेघनगर के दो जन शिक्षक जसवंतसिंह नायक एवं अमरसिंह भूरिया को मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 /1/एक के अंतर्गत पूर्ण रूप से अपने कर्तव्य के प्रति गंभीर ना होकर लापरवाही बरतने के फल स्वरुप मध्यप्रदेश एवं सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) 1966 के नियम- 3 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है।
उल्लेखनीय है कि उक्त खंड स्त्रोत समन्वयकों द्वारा खेल एवं शारीरिक शिक्षा स्पोर्ट्स ग्रांट व्यय हेतु प्रगति प्रतिवेदन जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र झाबुआ को निम्नानुसार विकास खंडो की प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शाला में क्रमशः विकासखंड झाबुआ की प्राथमिक शाला 36 माध्यमिक शाला 3, विकासखंड मेघनगर प्राथमिक शाला 65 माध्यमिक शाला 16, विकास खंड थांदला प्राथमिक शाला 235 माध्यमिक शाला 44, विकासखंड पेटलावद प्राथमिक शाला 130 माध्यमिक शाला 28 में खेल सामग्री प्रदान की थी। लेकिन नौनिहालों की घटिया खेल सामग्री एवं व्यापारियों को लाभ पहुँचाने की अनेक शिकायत पर त्वरित कार्यवाही की गई।
जिला कलेक्टर ने मूल्य से ज्यादा दामों पर सामग्री सप्लाय करने पर कटारिया बुक सेन्टर, बैंक ऑफ बड़ौदा के पास – मेघनगर, सूरजमल एण्ड संस, सी. एस. आजाद मार्ग – झाबुआ व मोनिका जनरल स्टोर्स, माहत्मा गाँधी मार्ग थांदला को भी ब्लैक लिस्ट कर दिया है।
भारतीय प्रेस आयोग को अभी अन्य संस्थानों में भी इस तरह की लापरवाही के समाचार प्राप्त हुए हैं जिसके सन्दर्भ में शिकायतों का निरीक्षण कर जिला प्रशासन को भी मामले से अवगत करवाया जाएगा ताकि अंचल के गरीब आदिवासियों को शासन द्वारा प्रदत्त योजनाओं का लाभ मिल सके।
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